एडिलेड : भारत के अनुभवी बल्लेबाज लोकेश राहुल ने बुधवार को कहा कि उन्होंने बल्लेबाजी क्रम में लगातार बदलाव की ‘मानसिक चुनौती’ पर काबू पा लिया है और वह टीम के लिए किसी भी स्थान पर बल्लेबाजी करने को तैयार हैं। राहुल ने पर्थ में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले टेस्ट में शानदार प्रदर्शन किया था और नियमित कप्तान रोहित शर्मा की अनुपस्थिति में पारी का आगाज करते हुए 26 और 77 रन बनाए थे। रोहित की टीम में वापसी के बाद शुक्रवार से शुरू हो रहे दिन-रात्रि टेस्ट को लेकर राहुल से जब बल्लेबाजी क्रम के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘कुछ भी (पारी का आगाज करना या मध्य क्रम) हो सकता है।’ इस 32 साल के बल्लेबाज ने यहां भारत के अभ्यास सत्र से पहले संवाददाताओं से कहा, ‘मैं सिर्फ अंतिम एकादश में रहना चाहता हूं, जिसका मतलब है कि जहां भी मौका मिले वहां टीम के लिए बल्लेबाजी करने के लिए तैयार रहूं।’
राहुल ने ऑस्ट्रेलिया में अपना टेस्ट करियर ठीक एक दशक पहले मध्यक्रम बल्लेबाज के रूप में शुरू किया था। उन्होंने बाद में हालांकि सलामी बल्लेबाज की भूमिका भी निभाई। इस बीच टेस्ट और वनडे दोनों में उनका बल्लेबाजी क्रम लगातार बदलता रहा और इसने उन्हें मानसिक तौर पर प्रभावित भी किया। अपने 54 टेस्ट मैचों के करियर में 3000 से अधिक रन बनाने वाले इस बल्लेबाज ने कहा, ‘मैंने कई स्थानों पर बल्लेबाजी की है। पहले यह थोड़ा चुनौतीपूर्ण था। यह चुनौती तकनीकी रूप से नहीं, बल्कि मानसिक रूप से थी कि शुरुआती 20-25 गेंदों को कैसे सामना करना है।’
उन्होंने कहा, ‘मैं कितनी जल्दी आक्रामक रूख अपना सकता हूं? मुझे कितना सतर्क रहने की जरूरत है? ये ऐसी चीजें थी जो शुरू में मुझे परेशान करती थी।’ राहुल ने टेस्ट में आठ शतक जड़े है जिसमें से दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड में दो-दो शतक के अलावा उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में भी एक शतकीय पारी है। इस कलात्मक बल्लेबाज ने कहा, ‘अब मुझे टेस्ट और वनडे में बल्लेबाजी क्रम में लगभग सभी जगहों पर खेलने का अनुभव है। इससे मुझे अंदाजा हो गया है कि मैं अपनी पारी को कैसे आगे बढ़ा सकता हूं।’ उन्होंने कहा कि टेस्ट मैचों को लेकर उनके दिमाग में चीजें स्पष्ट हैं।
राहुल ने कहा, ‘मैं चाहे शीर्ष क्रम में बल्लेबाजी कर रहा हूं या मध्य क्रम में अगर मैं शुरुआत में 30-40 गेंदें खेलने में सफल रहा तो सब कुछ सामान्य बल्लेबाजी जैसा लगता है। मैं इसी पर ध्यान केंद्रित करने की कोशिश करता हूं।’ राहुल ने बताया कि उन्हें ऑस्ट्रेलिया में सलामी बल्लेबाजी की भूमिका निभाने की संभावना के बारे में पहले ही बता दिया गया था। उन्होंने पांच मैचों की इस टेस्ट सीरीज से ठीक पहले ऑस्ट्रेलिया ए के खिलाफ भारत ए की सीरीज का दूसरा मैच खेला था।
कर्नाटक के इस बल्लेबाज ने कहा, ‘मुझे काफी पहले ही बता दिया गया था क्योंकि मैं न्यूजीलैंड (घरेलू) सीरीज के आखिरी दो मैचों को खेलने से चूक गया था। मुझे तैयार रहने को कहा गया था क्योंकि मुझे बल्लेबाजी में पारी का आगाज करने का मौका मिल सकता है।’ उन्होंने कहा, ‘मुझे तैयारी के लिए काफी समय मिला और मैंने अपने करियर में काफी समय तक सलामी बल्लेबाजी की भूमिका निभाई है। मुझे बस फिर से इस तरह की परिस्थितियों से अभ्यस्त होना था। मैंने शीर्ष क्रम में काफी बल्लेबाजी की है और मुझे इसकी जरूरतों के बारे में अच्छे से पता है।’ उन्होंने कहा, ‘मैंने शुरुआती टेस्ट से पहले काफी अभ्यास किया। मैं यहां की परिस्थितियों से सामंजस्य बैठाने के लिए यहां पहले पहुंच गया था। हमने कुछ अभ्यास मैच भी खेले और इससे मुझे अपनी तैयारी में मदद मिली।’