बुमराह नहीं होते तो सीरीज एकतरफा होती : मैकग्रा | Sanmarg

बुमराह नहीं होते तो सीरीज एकतरफा होती : मैकग्रा

सिडनी : दिग्गज क्रिकेटर ग्लेन मैकग्रा ने जसप्रीत बुमराह की जमकर प्रशंसा करते हुए बुधवार को यहां कहा कि अगर भारतीय टीम में यह तेज गेंदबाज नहीं होता तो फिर बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के लिए खेली जा रही सीरीज पूरी तरह से ऑस्ट्रेलिया के पक्ष में एकतरफा हो जाती। भारत अभी पांच टेस्ट मैच की सीरीज में 1-2 से पीछे चल रहा है। सीरीज का पांचवां और अंतिम मैच शुक्रवार से यहां खेला जाएगा। बुमराह ने अभी तक सीरीज में शानदार प्रदर्शन किया है तथा 20 से भी कम औसत से 30 विकेट लिए हैं। भारतीय बल्लेबाज अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं जिसके कारण टीम पीछे चल रही है। मैकग्रा ने अपने फाउंडेशन के कैंसर जागरूकता कार्यक्रम से इतर पत्रकारों से कहा, ‘बुमराह भारतीय टीम का महत्वपूर्ण हिस्सा है और अगर वह नहीं होता तो सीरीज पूरी तरह से एकतरफा होती।

 

इससे पता चलता है कि वह कितना खास है।’ अपने जमाने के दिग्गज तेज गेंदबाज 54 वर्षीय मैकग्रा 2008 में अपनी पत्नी जेन की कैंसर से मौत के बाद इस बीमारी के प्रति लोगों में जागरूकता लाने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। वह भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चल रही सीरीज पर करीबी नजर रखे हुए हैं और बुमराह के प्रदर्शन से बेहद प्रभावित हैं। मैकग्रा ने बुमराह के छोटे रनअप के संदर्भ में कहा, ‘वह बेहतरीन गेंदबाज है जिसने परिस्थितियों से तालमेल बिठाने का तरीका ढूंढ लिया है। जिस तरह से वह रनअप में आखिरी कुछ कदमों में अपनी पूरी ताकत झोंक देता है, वह वास्तव में अविश्वसनीय है।’ टेस्ट क्रिकेट में 563 विकेट लेने वाले मैकग्रा को अपनी भुजाओं के अति-विस्तार (जब कोहनी का जोड़ अपनी सामान्य सीमा से अधिक पीछे की ओर झुकता है) के मामले में अपने और बुमराह के बीच काफी समानता नजर आती है। उन्होंने कहा, ‘उसका हाथ पीछे की तरफ अधिक झुकता है जैसा कि मेरे मामले में भी था।

 

उसका इस पर शानदार नियंत्रण है और वह इसका अच्छी तरह से प्रयोग करता है। मैं जसप्रीत का बहुत बड़ा प्रशंसक हूं।’ मैकग्रा ने लंबे समय तक चेन्नई में एमआरएफ पेस फाउंडेशन में काम किया तथा उन्होंने कहा कि उनके एक शिष्य प्रसिद्ध कृष्णा का भविष्य उज्जवल है। उन्होंने कहा, ‘भारत क्रिकेट के प्रति जुनूनी है। एमआरएफ पेस फाउंडेशन में 12 साल से काम करते हुए हमने कुछ अच्छे तेज गेंदबाज दिए हैं जिनमें प्रसिद्ध कृष्णा भी है जो अभी टीम में है।’ मैकग्रा ने कहा, ‘वह बहुत अच्छा युवा तेज गेंदबाज है और मुझे विश्वास है कि आगे उसका करियर शानदार होगा। भारत के पास प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की कमी नहीं है तथा ऐसा केवल गेंदबाजी ही नहीं बल्लेबाजी में भी है। उसके पास यशस्वी जयसवाल जैसे प्रतिभाशाली बल्लेबाज हैं।’ उन्होंने कहा, ‘इन युवा खिलाड़ियों की सबसे खास बात यह है कि वे बेखौफ होकर खेलते हैं। हमारे पास भी सैम कोंस्टास के रूप में ऐसा खिलाड़ी है।’

Visited 14 times, 1 visit(s) today
शेयर करे
0
0

Leave a Reply

ऊपर