ब्रिसबेन : भारत के अनुभवी आफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने बुधवार को आॅस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज के बीच में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से तुरंत प्रभाव से संन्यास लेने का ऐलान करके क्रिकेट जगत को चौंका दिया। उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि अभी उनके भीतर खेल बाकी है। 38 वर्ष के अश्विन ने भारत के लिये अनिल कुंबले (619 विकेट) के बाद 106 मैचों में सर्वाधिक 537 टेस्ट विकेट लिये हैं। आईपीएल में अगले साल चेन्नई सुपर किंग्स के लिये वापसी करने वाले अश्विन क्लब क्रिकेट खेलते रहेंगे। सीमित ओवरों के प्रारूप में वह 2011 विश्व कप और 2013 चैंपियंस ट्रॉफी विजेता टीम का हिस्सा थे। अश्विन ने ब्रिसबेन में तीसरा टेस्ट ड्रॉ रहने के बाद कप्तान रोहित शर्मा के साथ संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘मैं आपका अधिक समय नहीं लूंगा। यह भारतीय टीम के क्रिकेटर के रूप में मेरा आखिरी दिन है।’ इसके बाद उन्होंने कोई सवाल लेने से इनकार कर दिया और घोषणा करके चले गए। सीरीज में अभी मेलबर्न और सिडनी टेस्ट बाकी है। पांच मैचों की सीरीज फिलहाल 1-1 से बराबरी पर है। अश्विन गुरुवार को भारत लौट आयेंगे। संन्यास की घोषणा से पहले उन्हें ड्रेसिंग रूम में विराट कोहली के साथ भावुक होते देखा गया। कोहली ने उनके कंधे पर हाथ रखा था और अश्विन को अपनी आंखें पोछते देखा गया। अश्विन ने एडीलेड में गुलाबी गेंद का टेस्ट खेलकर एक विकेट लिया था। पिछले तीन टेस्ट में अंतिम एकादश में जगह पक्की नहीं देखकर अश्विन ने शायद यह फैसला लिया।
उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि क्रिकेटर के तौर पर मेरे भीतर अभी पंच बाकी है लेकिन मैं क्लब स्तर पर उसे दिखाना चाहूंगा। मैने अपने कैरियर का पूरा मजा लिया। मेरी रोहित और बाकी खिलाड़ियों के साथ कई यादें हैं।’ उन्होंने चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘उनमें से कुछ पिछले कुछ साल में चले गए। हम आॅस्ट्रेलिया में भारतीय ड्रेसिंग रूम में उस जमात की आखिरी कड़ी हैं।’ अश्विन ने भारत के लिये 116 वनडे खेलकर 156 विकेट लिये जबकि 65 टी-20 में 72 विकेट चटकाये। उन्होंने 2010 में वनडे में और 2011 में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया था। उन्होंने कहा, ‘मुझे कई लोगों को धन्यवाद देना है लेकिन सबसे पहले बीसीसीआई और अपने साथी खिलाड़ियों को धन्यवाद दूंगा। रोहित, विराट, अजिंक्य, पुजारा जिन्होंने विकेट के आसपास कैच लपककर मुझे विकेट दिलाये। आॅस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम को भी धन्यवाद जिनके खिलाफ खेलने में मजा आया।’ उन्होंने मीडिया को धन्यवाद देते हुए कहा, ‘यह भावुक पल है। मुझे माफ कीजिये कि सवाल नहीं ले सकूंगा। मेरे बारे में अच्छा और कभी कभी बुरा लिखने के लिये धन्यवाद।’ उनके संन्यास से 2014 सीरीज की यादें ताजा हो गई जब तत्कालीन कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने आॅस्ट्रेलिया के विजयी बढत लेने के बाद टेस्ट क्रिकेट से विदा ले ली थी। अश्विन का फैसला भले ही चौकाने वाला रहा हो लेकिन रोहित ने बताया कि पर्थ टेस्ट के दौरान इस बारे में बात हुई थी।
उन्होंने कहा, ‘यह उसके दिमाग में था और इस फैसले के पीछे कई कारण है। इसका जवाब वही दे सकता है लेकिन वह समझता है कि टीम क्या सोच रही है।’ उन्होंने कहा, ‘जब मैं पर्थ पहुंचा तो हमने इस पर बात की और मैने उसे गुलाबी गेंद का टेस्ट खेलने के लिये मनाया। उसके बाद उसे लगा कि अगर सीरीज में उसकी फिलहाल जरूरत नहीं है तो वह खेल को अलविदा कह सकता है।’ भारत ने पर्थ में वॉशिंगटन सुंदर को उतारा जबकि अश्विन ने एडीलेड टेस्ट खेला और ब्रिसबेन में रवींद्र जडेजा को टीम में जगह मिली। रोहित ने कहा, ‘उसके जैसे खिलाड़ी को जो हमारे लिये मैच विनर रहा है, ये फैसले खुद करने की अनुमति मिलनी चाहिये। उसे लगता है कि यह सही समय है तो ठीक है।’ बीसीसीआई ने एक्स पर अश्विन को शानदार कैरियर पर बधाई देते हुए लिखा, ‘अश्विन निपुणता, कौशल, प्रतिभा और नवीनता का पर्याय रहा है।’
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