‘टेस्ट में दोनों खिलाड़ियों का भविष्य चयनकर्ताओं पर निर्भर’
सिडनी : भारत के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने कहा कि पिछले छह महीने में खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर गौर करे तो भारत के कप्तान रोहित शर्मा और स्टार क्रिकेटर विराट कोहली भारतीय बल्लेबाजी की कमजोर कड़ी साबित हुए हैं। विराट कोहली और रोहित शर्मा का टेस्ट क्रिकेट में भविष्य अब पूरी तरह से चयनकर्ताओं के हाथ में है। उन्होंने कहा कि अब जबकि भारत डब्ल्यूटीसी (विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप) फाइनल के लिए क्वालीफाई करने में विफल रहा है तो उन कारणों पर विचार करना उचित होगा कि ऐसा क्यों हुआ। भारत को बीते टेस्ट शृंखला में हार के कारण पिछले एक दशक में पहली बार बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी से हाथ धोना पड़ा। उसकी पराजय का मुख्य कारण बल्लेबाजों का खराब प्रदर्शन रहा। जिसमें रोहित और कोहली भारतीय बल्लेबाजी की कमजोर कड़ी साबित हुए। कोहली ने नौ पारियों में एक नाबाद शतक सहित 190 रन बनाए, जबकि रोहित ने पांच पारियों में केवल 31 रन बनाए।
नये खिलाड़ियों को मौका देने की वकालत : इस पूर्व भारतीय कप्तान ने कहा कि इसलिए अगर इंग्लैंड में जून में शुरू होने वाले डब्ल्यूटीसी के नए चक्र के लिए टीम में बदलाव की जरूरत है तो उम्मीद है कि चयनकर्ता इस बात पर गौर करेंगे कि 2027 में फाइनल तक कौन खिलाड़ी टीम में रहेगा और उसके अनुसार चयन करेंगे। गावस्कर ने किसी खिलाड़ी का नाम लिये बगैर कहा कि घरेलू क्रिकेट में कुछ खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं और अब उन्हें उचित मौका देने की जिम्मेदारी चयनकर्ताओं पर है। उन्होंने कहा कि जब तक उन्हें मौका नहीं दिया जाएगा तो हमें कैसे पता चलेगा कि रणजी ट्रॉफी में अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अच्छा प्रदर्शन करेंगे?
नितीश कुमार रेड्डी के चयन और खेल को सराहा : गावस्कर ने नितीश कुमार रेड्डी जैसी प्रतिभा को सामने लाने के लिए चयन समिति की भी सराहना की। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत के जिन तीन बल्लेबाजों ने शतक लगाए उनमें रेड्डी भी शामिल थे। शतक लगाने वाले अन्य बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल और कोहली थे। उन्होंने कहा कि नितीश कुमार रेड्डी में क्षमता देखने और उसे टेस्ट टीम में चुनने के लिए अजीत अगरकर और उनकी टीम को बधाई।’’ गावस्कर ने गेंदबाजी के बारे में कहा कि भारत के पास पर्याप्त प्रतिभा है, जिसे अपेक्षित अवसर दिए जाने की जरूरत है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जसप्रीत बुमराह जैसे स्टार खिलाड़ी पर जरूरत से ज्यादा बोझ न पड़े।
बुमराह पर ज्यादा बोझ नहीं डालने की हिदायत : उन्होंने कहा कि भारत के पास कई होनहार तेज गेंदबाज हैं जो मौके का इंतजार कर रहे हैं। बुमराह पर ज्यादा बोझ नहीं डाला जाना चाहिए और अगर अन्य गेंदबाज भी अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं तो हमारे पास एक ऐसा आक्रमण हो सकता है जो किसी भी परिस्थिति में मैच जीत सकता है।
स्टार खिलाड़ियों को सिर पर बिठाए रखने की पुरानी संस्कृति : भारतीय क्रिकेट में स्टार खिलाड़ियों को सिर पर बिठाए रखने की संस्कृति रही है, जो ठीक नहीं है। गावस्कर ने कहा कि किसी भी खिलाड़ी के लिए अपने पांव जमीन पर बनाए रखना मुश्किल काम नहीं है। उन्हें सिर्फ अपने खेल पर ध्यान देना चाहिए।