चित्रदुर्ग: दुनिया के कई शक्तिशाली देशों के पास तरह-तरह के आधुनिक लड़ाकू विमान है। भारत भी बड़ी तेजी से अपनी रक्षा बजट को बढ़ा रहा है। राफेल, अपाचे जैसे खतरनाक लड़ाकू विमान भारत के पास मौजूद है। इस बीच अब अपने देश में मानव रहित लड़ाकू विमान का निर्माण किया गया है। इस तरह के लड़ाकू विमान बनाने वाले देशों की लिस्ट में चीन अमेरिका समेत दुनिया के कुछ देशों के बाद भारत का भी नाम शामिल हो गया है। इस विमान का दूसरी बार कर्नाटक के चित्रदुर्ग में आज शुक्रवार(15 दिसंबर) को DRDO ने एयरोनॉटिकल टेस्ट रेंज में परीक्षण किया।
क्या है विमान की खासियत ?
इस विमान की खास बात ये है कि यह बिना पायलट के खुद ही उड़ान भर सकता है और अपने आप ही जमीन पर लैंडिंग कर सकता है। इस विमान में खतरनाक मिसाइल और बम फिट किए जा सकते हैं और यह अपने टारगेट को हिट करके वापस आ सकता है। यह अपने मिशन को बिना किसी बाहरी मदद के खुद ही अंजाम दे सकता है।
#DRDOUpdates | DRDO successfully conducted flight trial of Autonomous Flying Wing Technology Demonstrator with Tailless configuration from Aeronautical Test Range, Chitradurga @DefenceMinIndia @SpokespersonMoD pic.twitter.com/42XQki1seV
— DRDO (@DRDO_India) December 15, 2023
स्वदेशी पायलट रहित प्लेन
सोशल मीडिया पर DRDO ने पोस्ट करके कहा, इस परीक्षण को कर्नाटक के चित्रदुर्ग में एयरोनॉटिकल टेस्ट रेंज में सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया। यह प्लेन पूरी तरह से ऑटोनॉमस मोड में संचालित हुआ था। इस दौरान प्लेन ने खुद ही उड़ान भरी और फिर आसमान में काफी देर तक गोते लगाने के बाद वह खुद ही नीचे रनवे पर लैंड कर गया। इस पायलट रहित प्लेन को डीआरडीओ की रिसर्च लेबोरेट्री एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट (ADE) ने विकसित किया है।
6 ट्रायल पूरे हो चुके हैं
इस विमान के परीक्षण के बाद अगले कुछ समय में इसे सेनाओं को ट्रायल के लिए सौंपा जा सकता है। इस प्लेन का पहली बार ट्रायल इसी साल 1 जुलाई को हुआ था। अब तक इसके 6 ट्रायल हो चुके हैं। इस प्लेन की बहुत सारी खूबियों को सीक्रेट रखा गया है। DRDO से मिली रिपोर्ट के मुताबिक इस प्लेन को स्वदेशी रूप से विकसित हल्के कार्बन प्रीप्रेग मिश्रित सामग्री के साथ डिजाइन और निर्मित किया गया है। यह ग्राउंड रडार की मदद के बिना खुद ही उड़कर दुश्मनों पर कहर ढा सकता है। इस विमान में भारतीय जीपीएस गगन से जोड़ा गया है, जो इसे उड़ने और मिशन को सटीक तरीके से पूरा करने में मदद करता है। इसके चलते यह दुश्मन के लिए उड़ता हुआ काल माना जा रहा है।