स्पैडेक्स मिशन : अंतरिक्ष में 4 दिन में अंकुरित हुआ लोबिया! | Sanmarg

स्पैडेक्स मिशन : अंतरिक्ष में 4 दिन में अंकुरित हुआ लोबिया!

इसरो ने तस्वीर जारी की,अंतरिक्ष में खाद्यान्न उगाने की बढ़ी अम्मीदें
नयी दिल्ली : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने गत 30 दिसंबर को श्रीहरिकोटा से प्रक्षेपित स्पैडेक्स यानी स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट मिशन के साथ भेजे गये पीएसएलवी ऑर्बिटल एक्सपेरिमेंटल मॉड्यूल-4 (पीओईएम-4) पर सीआरओपीएस (कॉम्पैक्ट रिसर्च मॉड्यूल फॉर ऑर्बिटल प्लांट स्टडीज) ने अंतरिक्ष में पहली बार जीवन अंकुरित करने में सफलता पायी है।
गौरतलब है कि इसरो ने स्पैडेक्स मिशन के तहत पीएसएलवी-सी60 रॉकेट से दो अंतरिक्ष यानों को पृथ्वी से 470 किलोमीटर ऊपर स्थापित किया किया गया। इसके साथ भेजे गये पीओईएम-4 पर विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) में डिजाइन किये गये सीआरओपीएस ने महज 4 दिनों में लोबिया के बीज को अंकुरित किया और इस अंकुर में जल्द पत्तियां आने की उम्मीद है।
लोबिया का चयन क्यों?
इसरो के अनुसार अंतरिक्ष प्रयोग के लिए लोबिया (काउपी) के बीजों को चुना गया क्योंकि ये तेजी से अंकुरित होते हैं और इनमें सहनशीलता भी काफी होती है। यह पोषण महत्व वाला पौधा है। इस प्रयोग से अंतरिक्ष में भोजन उगाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है, जो भविष्य में चंद्रमा, मंगल, या अन्य ग्रहों पर मानव उपस्थिति बनाये रखने में मदद करेगा।
अब पालक उगाने की तैयारी!
स्पैडेक्स के साथ अनुसंधान एवं विकास से जुड़े 24 पेलोड भी भेजे गये। इन पेलोड्स को पृथ्वी से 700 किमी की ऊंचाई पर डॉक किया गया है। इनमें से 14 पेलोड इसरो के और बाकी 10 स्टार्टअप और अकादमी के हैं। इनमें से एक है- एमिटी प्लांट एक्सपेरिमेंटल मॉड्यूल इन स्पेस (एपीईएमएस) पेलोड, जिसे एमिटी यूनिवर्सिटी ने बनाया है। यह इस पर शोध करेगा कि पौधे की कोशिकाएं अंतरिक्ष में कैसे बढ़ती हैं। इस शोध के तहत अंतरिक्ष और पृथ्वी पर एक ही समय में प्रयोग किया जायेगा। पालक की कोशिकाओं को एलईडी लाइट्स और जेल के जरिये सूर्य का प्रकाश और पोषक तत्व जैसी अहम चीजें दी जायेंगी। एक कैमरा पौधे की कोशिका के रंग और वृद्धि को रिकॉर्ड करेगा। अगर कोशिका का रंग बदलता है तो प्रयोग असफल हो जायेगा।इन प्रयोगों में सफलता मिलती है तो अंतरिक्ष और पृथ्वी पर कृषि तकनीकों को बेहतर बनाने में मदद मिल सकती है। साथ ही भारतीय विज्ञानियों की लंबी अंतरिक्ष यात्राओं, जैसे मंगल ग्रह मिशन के दौरान पौधे उगाने की संभावना और मजबूत होगी।

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