युवाओं को साइबर क्राइम में फंसाने वाला रैकेट बेनकाब | Sanmarg

युवाओं को साइबर क्राइम में फंसाने वाला रैकेट बेनकाब

नयी दिल्ली : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शनिवार (4 जनवरी) को दिल्ली के जामिया नगर में मानव तस्करी और साइबर स्लेवरी के एक अंतरराष्ट्रीय रैकेट से जुड़े अभियुक्त के घर पर छापा मारा।
एनआईए की टीम ने अभियुक्त के घर से कई डिजिटल डिवाइस जैसे मोबाइल फोन और टैबलेट बरामद किए साथ ही बैंक की पासबुक, चेक बुक और डेबिट कार्ड जैसे जरूरी दस्तावेज भी जब्त किए हैं। इन दस्तावेजों से रैकेट के वित्तीय नेटवर्क की जानकारी मिल रही है, जिससे जांच में अभी और खुलासे होंगे। एनआईए के अनुसार, यह मामला कमरान हैदर नामक अभियुक्त और उसके साथियों से जुड़ा है, जो भारतीय युवाओं को धोखे से लाओस भेजते थे। वहां इन्हें ‘गोल्डन ट्रायंगल’ इलाके में साइबर क्राइम करने के लिए मजबूर किया जाता था। इन युवाओं को यूरोप और अमेरिका के नागरिकों को ऑनलाइन ठगने के लिए इस्तेमाल किया जाता था। इस रैकेट का उद्देश्य पूरी दुनिया में साइबर ठगी करना था और इस काम के लिए उन्होंने भारतीय युवाओं को शिकार बनाया। जांच में पता चला कि कमरान हैदर ने भागने की कोशिश करने वाले पीड़ितों से क्रिप्टोकरेंसी के जरिए पैसे वसूलने का काम भी किया। इससे पता चलता है कि इस रैकेट ने आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल करते हुए अपराध को अंजाम दिया, जिससे इसका पता लगाना मुश्किल हो रहा था। एनआईए की जांच में सामने आया कि वह अपराध में केवल साइबर क्राइम तक ही सीमित नहीं था बल्कि इसमें आर्थिक शोषण और क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल भी किया गया था।

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