नौसेना में शामिल हुआ INS Imphal, जानिए युद्धपोत की ताकत | Sanmarg

नौसेना में शामिल हुआ INS Imphal, जानिए युद्धपोत की ताकत

नई दिल्ली: देश को आज नया स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल डेस्ट्रॉयर आईएनएस इंफाल (INS Imphal) मिल चुका है। भारतीय नौसेना के बेड़े में इसे शामिल कर लिया गया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में आज मंगलवार (26 दिसंबर) को इसे नौसेना में शामिल किया गया। इस दौरान रक्षा मंत्रालय ने कहा कि इम्फाल पहला वॉरशिप है, जिसका नाम उत्तर पूर्व के एक शहर के नाम पर रखा गया है।

बता दें कि इसमें टॉरपीडो और एंटी सबमरीन रॉकेट लॉन्चर्स मौजूद हैं। इसके साथ 76 mm की सुपर रैपिड गन की मौजूदगी है। ये पश्चिमी नौसेना को मजबूत करेगा। ये अरब सागर में तैनात होगा। यह जहाज करीब 75 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामान से लैस है। इस पोत पर मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें हैं। यह ब्रह्मोस मिसाइलें के साथ स्वदेशी टॉरपीडो ट्यूब लॉन्चर, पनडुब्बी-रोधी स्वदेशी रॉकेट लॉन्चर, 76 मिमी सुपर रैपिड गन माउंट से लैस है।

20 अप्रैल 2019 को पहली बार पानी में उतारा

बता दें कि इस पोत का निर्माण 19 मई 2017 से शुरू हुआ था। जहाज को 20 अप्रैल 2019 को पहली बार पानी में उतारा गया। युद्धपोत का पहला परीक्षण 28 अप्रैल 2023 को किया गया। इसके परीक्षण के लिए एक व्यापक कार्यक्रम तय किया गया। छह माह के रिकॉर्ड समय सीमा के अंदर 20 अक्टूबर 2023 को सेना को सौंपा गया। नवंबर 2023 में युद्धपोत में लगी सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइल का परीक्षण किया गया। ऐसा पहली बार था जब किसी युद्धपोत से ब्रह्मोस मिसाइल का परीक्षण हुआ, जिसे अभी नौसेना में नहीं रखा गया है। इस जंगी जहाज से निकलने वाली ब्रह्मोस मिसाइल 90 डिग्री पर घूमकर दुश्मन कर हमला करने में सक्षम है। इस पोत के शामिल होने से नेवी की ताकत में बढ़ोतरी होगी। पाकिस्तान और चीन दोनों ओर से आने वाले खतरे से निपटने में यह जंगी जहाज सक्षम होगा।

 

 

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