श्री विजयपुरम : एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह प्रशासन ने जरावा समुदाय के 19 सदस्यों को मतदाता पहचान पत्र वितरित किया है, जिन्हें पहले क्रूर और एकांतप्रिय के रूप में जाना जाता था। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। इसे लेकर मुख्य सचिव चंद्र भूषण कुमार ने खुद दक्षिण अंडमान जिले के जिरकाटांग में उनके निवास पर जाकर जरावा जनजाति के सदस्यों को मतदाता पहचान पत्र सौंपे, जो विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों में से एक है। दक्षिण अंडमान जिला चुनाव अधिकारी अर्जुन शर्मा ने बताया कि हमने जरावा समुदाय की विशिष्ट पहचान को बनाए रखने और उनकी गोपनीयता की रक्षा करने के लिए एक व्यापक उपाय अपनाया है। बता दें कि अंडमान की ‘आदिम’ जरावा जनजाति के सदस्य पहली बार ऐतिहासिक रूप से मतदाता सूची में शामिल हुए। बता दें कि अब तक जरावा बाहरी संपर्क से अलग-थलग रहे, जिससे उनकी अनूठी सांस्कृतिक प्रथाओं और परंपराओं का संरक्षण हुआ।
मतदाता सूची को लेकर जिला चुनाव अधिकारी ने यहा
दक्षिण अंडमान जिला चुनाव अधिकारी अर्जुन शर्मा ने कहा कि उनकी नामांकन प्रक्रिया इस तरह से डिजाइन की गई थी कि उनके दैनिक जीवन में हस्तक्षेप न्यूनतम हो, लेकिन भारत के नागरिक के रूप में अधिकारों के बारे में उनकी समझ अधिकतम हो। उन्होंने कहा कि यह भारत के लोकतांत्रिक विकास में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है, जो सभी नागरिकों के लिए समावेशिता और समानता सुनिश्चित करने के लिए देश की प्रतिबद्धता का प्रतीक है। समावेशिता और सांस्कृतिक संरक्षण के बीच सावधानीपूर्वक संतुलन में हमने सुनिश्चित किया कि प्रक्रिया का कोई भी पहलू जरावा लोगों की गरिमा से समझौता न करे। अधिकारियों ने कहा कि इस उपलब्धि में अंडमान आदिम जनजाति विकास समिति (एएजेवीएस) की महत्वपूर्ण भूमिका रही, जिसने सांस्कृतिक रूप से उचित और सम्मानजनक तरीके से चुनावी प्रक्रिया के बारे में जरावा समुदाय के बीच जागरुकता पैदा करके इस प्रक्रिया को सुगम बनाया।