Exit poll2024: PM मोदी की लिखी चिट्ठी चर्चे में…कहा ‘मेरी आंखें नम हो रही थीं’…मैं शून्यता में जा रहा था | Sanmarg

Exit poll2024: PM मोदी की लिखी चिट्ठी चर्चे में…कहा ‘मेरी आंखें नम हो रही थीं’…मैं शून्यता में जा रहा था

नई दिल्‍ली: लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे मंगलवार को सामने आ जाएगा और साफ हो जाएगा कि देश में अगली सरकार किसकी बनने जा रही है। देश की 543 सीटों पर सात चरणों में मतदान हुआ है। बता दें क‌ि चुनाव के बाद आए एग्जिट पोल ये संकेत दे रहे हैं कि देश में फिर एक बार मोदी सरकार आ रही है। इस बार चुनाव को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीजेपी के लिए जमकर चुनाव प्रचार किया। आपको जानकर हैरानी होगी क‌ि PM मोदी ने एक ही दिन में तीन-तीन राज्‍यों में जनसभाओं को संबोधित किया। आखिरी व सातवें चरण का प्रचार खत्म होने के बाद प्रधानमंत्री मोदी 30 मई को तमिलनाडु के कन्याकुमारी गए और वहां विवेकानंद रॉक मेमोरियल में 45 घंटे की ध्यान साधना करने चले गए थे। बता दें क‌ि उनकी साधना एक जून की शाम तक खत्म हो गई थी। इसके बाद वे वापस दिल्ली लौटे और फिर कार्यक्रमों में जुट गए। कन्याकुमारी से दिल्ली लौटते वक्त पीएम मोदी ने ध्यान से जुड़े अनुभवों को लेकर एक लेख लिखा जो काफी चर्चे में है।

आखिर क्या लिखा है इस चिट्ठी में PM मोदी ने?

बता दें क‌ि PM मोदी ने इस चिट्ठी में लिखा क‌ि… मेरे प्यारे देशवासियों,लोकतंत्र की जननी में लोकतंत्र के सबसे बड़े महापर्व का एक पड़ाव आज 1 जून को पूरा हो रहा है। तीन दिन तक कन्याकुमारी में आध्यात्मिक यात्रा के बाद, मैं अभी दिल्ली जाने के लिए हवाई जहाज में आकर बैठा ही हूं…काशी और अनेक सीटों पर मतदान चल ही रहा है। कितने सारे अनुभव हैं, कितनी सारी अनुभूतियां हैं…मैं एक असीम ऊर्जा का प्रवाह स्वयं में महसूस कर रहा हूं। वाकई, 24 के इस चुनाव में, कितने ही सुखद संयोग बने हैं। अमृतकाल के इस प्रथम लोकसभा चुनाव में मैंने प्रचार अभियान 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की प्रेरणास्थली मेरठ से शुरू किया। माँ भारती की परिक्रमा करते हुए इस चुनाव की मेरी आखिरी सभा पंजाब के होशियारपुर में हुई। संत रविदास जी की तपोभूमि, हमारे गुरुओं की भूमि पंजाब में आखिरी सभा होने का सौभाग्य भी बहुत विशेष है। इसके बाद मुझे कन्याकुमारी में भारत माता के चरणों में बैठने का अवसर मिला। उन शुरुआती पलों में चुनाव का कोलाहल मन-मस्तिष्क में गूंज रहा था। रैलियों में, रोड शो में देखे हुए अनगिनत चेहरे मेरी आंखों के सामने आ रहे थे। माताओं-बहनों-बेटियों के असीम प्रेम का वो ज्वार, उनका आशीर्वाद…उनकी आंखों में मेरे लिए वो विश्वास, वो दुलार…मैं सब कुछ आत्मसात कर रहा था। मेरी आंखें नम हो रही थीं…मैं शून्यता में जा रहा था, साधना में प्रवेश कर रहा था. कुछ ही क्षणों में राजनीतिक वाद विवाद, वार-पलटवार…आरोपों के स्वर और शब्द, वह सब अपने आप शून्य में समाते चले गए। मेरे मन में विरक्ति का भाव और तीव्र हो गया…मेरा मन बाह्य जगत से पूरी तरह अलिप्त हो गया। बता दें कि ध्यान सत्र के समापन पर, सफेद वस्त्र पहने पीएम मोदी ने स्मारक के बगल में स्थित उस परिसर का दौरा किया, जहां तिरुवल्लुवर की 133 फुट ऊंची प्रतिमा स्थित है और वहां एक विशाल माला चढ़ाई।

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