बाइडन प्रशासन ने दी एच-1बी वीजा नियमों में ढील, भारतीय प्रौद्योगिकी पेशेवरों को लाभ | Sanmarg

बाइडन प्रशासन ने दी एच-1बी वीजा नियमों में ढील, भारतीय प्रौद्योगिकी पेशेवरों को लाभ

वाशिंगटन : अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने एच-1बी वीजा के नियमों में ढील दी है। इस कदम से हजारों भारतीय प्रौद्योगिकी पेशेवरों को फायदा होने की संभावना है। इससे अमेरिकी कंपनियों के लिए विशेष कौशल वाले विदेशी पेशेवरों को नियुक्त करना आसान हो जाएगा और एफ-1 छात्र वीजा को आसानी से एच-1बी वीजा में तब्दील किया जा सकेगा। सबसे अधिक मांग वाला एच-1बी वीजा एक गैर-आप्रवासी वीजा है, जिसके तहत अमेरिकी कंपनियों को ऐसे विशेष व्यवसायों में विदेशी श्रमिकों को नियुक्त करने की अनुमति मिलती है, जिनमें व्यावसायिक या प्रौद्योगिकी विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है। प्रौद्योगिकी कंपनियां भारत और चीन जैसे देशों से हर साल हजारों कर्मचारियों को नियुक्त करने के लिए इस वीजा पर निर्भर रहती हैं। मंगलवार को होमलैंड सुरक्षा विभाग (डीएचएस) द्वारा घोषित इस नियम का उद्देश्य विशेष पदों और गैर-लाभकारी व सरकारी अनुसंधान संगठनों के लिए परिभाषा और मानदंडों को आधुनिक बनाकर नियोक्ताओं तथा श्रमिकों को अधिक सुविधा प्रदान करना है।

हम भी लगा सकते हैं भारतीय उत्पादों पर अधिक शुल्क : ट्रंप : अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि भारत अमेरिका के कुछ उत्पादों पर काफी ज्यादा शुल्क लगाता है और इसके बदले में भारतीय उत्पादों पर इसी तरह ज्यादा शुल्क लगाया जा सकता है। ट्रंप ने सोमवार को मीडिया से कहा कि अगर वे हम पर शुल्क लगाते हैं तो हम भी उन पर उतना ही शुल्क लगाते हैं। वे लगभग सभी मामलों में वे हम पर शुल्क लगा रहे हैं, जबकि हम उन पर शुल्क नहीं लगा रहे। उन्होंने चीन के साथ संभावित व्यापार समझौते पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा कि भारत और ब्राजील उन देशों में शामिल हैं, जो कुछ अमेरिकी उत्पादों पर काफी ज्यादा शुल्क लगाते हैं। वे साइकिल भेजते हैं और हम उन्हें साइकिल भेजते हैं। वे हमसे 100 और 200 प्रतिशत शुल्क लेते हैं। भारत बहुत ज्यादा शुल्क लेता है। ब्राजील भी बहुत ज्यादा शुल्क लेता है। अगर वे हमसे शुल्क लेना चाहते हैं तो हम उनसे इसी तरह ज्यादा शुल्क लेंगे।

भारत-अमेरिका संबंध के अच्छे बने रहने की आशा : बाइडन प्रशासन : निवर्तमान बाइडन प्रशासन ने कहा कि वह भारत-अमेरिका संबंधों को ‘बहुत मजबूत स्थिति में’ छोड़कर जा रहा है और विश्वास है कि ट्रंप के कार्यकाल में भी रिश्ते ऐसे ही रहेंगे। उप विदेश मंत्री कर्ट कैंपबेल ने मंगलवार को कहा कि हम अमेरिका-भारत संबंधों को लेकर बहुत महत्वाकांक्षी हैं। डेलावेयर में हुए क्वॉड शिखर सम्मेलन के अलावा पिछले कई महीनों के दौरान हमारे बीच बहुत उच्च-स्तरीय संबंध रहे हैं। कैम्पबेल, प्रधान उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन फाइनर और अमेरिका में भारत के राजदूत विनय मोहन क्वात्रा के साथ मंगलवार को ह्यूस्टन में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के अंतरिक्ष यात्रियों से मिलने आए थे।

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