मणिपुर में सेना के अधिकारी का अपहरण, 9 घंटे बाद रेस्क्यू ऑपरेशन सफल | Sanmarg

मणिपुर में सेना के अधिकारी का अपहरण, 9 घंटे बाद रेस्क्यू ऑपरेशन सफल

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इम्फाल: भारतीय सेना के JCO रैंक के जिस अधिकारी का थोउबल जिला स्थित उनके आवास से असामाजिक तत्वों ने शुक्रवार (8 मार्च) सुबह अपहरण कर लिया था, उन्हें सुरक्षित बचा लिया गया है। जानकारी के अनुसार शुक्रवार शाम के समय सुरक्षा बलों ने उन्हें मुक्त करा लिया।

सूत्रों के मुताबिक ‘जूनियर कमीशंड ऑफिसर’ (JCO) की पहचान कोनसाम खेड़ा सिंह के रूप में हुई है। वे चरांगपट ममांग लेइकई के रहने वाले हैं और अभी थोउबल जिले के वाइकहोंग में तैनात हैं। पुलिस घटना की जांच कर रही है। सुबह नौ बजे के क़रीब उनका अपहरण किया गया था।

तलाशी अभियान के दौरान जवान को बचाया गया

सूत्रों ने बताया कि JCO को मुक्त कराने के लिए सभी सुरक्षा एजेंसियों ने एक साथ कोऑर्डिनेशन बनाकर तलाशी अभियान शुरू किया। इसके चलते आखिरकार शाम साढ़े छह बजे उन्हें सुरक्षित रूप से मुक्त कराया जा सका। सूत्रों ने बताया है कि अपहरण के बाद से ही सुरक्षा एजेंसियों ने किडनैपर्स का पीछा करना शुरू कर दिया था और आखिरकार उन्हें बचाने में कामयाब रहे।

परिवार को मिलती रही हैं धमकियां

अधिकारियों ने बताया कि शुरुआती रिपोर्ट के अनुसार यह फिरौती का मामला लगता है क्योंकि उनके परिवार को पूर्व में भी इस तरह की धमकियां मिली थीं। अपहरण के कारण का अभी पता नहीं चल सका है। मणिपुर में संघर्ष शुरू होने के बाद से यह चौथी घटना है जब अवकाश पर गए, या ड्यूटी पर मौजूद किसी सैन्य कर्मी या उनके रिश्तेदार को निशाना बनाया गया है। जिस जेसीओ का अपहरण किया गया था, वे भी अवकाश पर थे।

हिंसा में जा चुकी है 219 लोगों की जान 

राज्य में पिछले साल तीन मई को शुरू हुए जातीय संघर्ष के बाद से कम से कम 219 लोग मारे गए हैं। मेइती समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिये जाने की मांग के खिलाफ पर्वतीय जिलों में इसाई कुकी समुदाय की ओर से निकाली गई ‘जनजातीय एकजुटता मार्च’ के बाद राज्य में हिंसा भड़क गई थी। दावा है कि इसकी वजह से अब तक लगभग 50,000 लोग विस्थापित हुए हैं। सरकारी आंकड़े बताते हैं कि हिंसा में 198 नागरिकों की जान गई है, जबकि बाकी मारे गए लोग सुरक्षा बलों के हैं। इसके अतिरिक्त, 1555 लोग घायल हुए हैं, जिनमें 88 राज्य पुलिस से और 28 केंद्रीय सुरक्षा बलों से हैं।

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