कोलकाता : हिंदू धर्म में षटतिला एकादशी का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करने के साथ व्रत रखने का विधान है माना जाता है कि माघ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को व्रत रखने से साधक के जीवन से हर समस्याएं समाप्त हो जाती है और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होने के साथ जाने-जाने में किए गए पापों से भी मुक्ति मिल जाती है। इसके साथ ही षटतिला एकादशी के दिन तिल का इस्तेमाल करना काफी शुभ माना जाता है। बता दें इस बार षटतिला एकादशी का व्रत 6 फरवरी 2024 को रखा गया है। आइए जानते हैं कि इस दिन कैसे करें तिल का इस्तेमाल।
षटतिला शब्द छह तरह के तिल से मिलकर बना है। इसलिए इस दिन तिल का इस्तेमाल करके सुख-समृद्धि, धन-संपदा की प्राप्ति होती है। माना जाता है कि तिल की उत्पत्ति भगवान विष्णु के पसीने से हुई थी। इसके साथ ही पितरों का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है। आइए जानते हैं षटतिला एकादशी के दिन तिल का किन 6 तरीकों से करें इस्तेमाल।
तिल स्नान
षटतिला एकादशी के दिन स्नान दान का विशेष महत्व है। इस दिन अगर पवित्र नदी में स्नान के लिए नहीं जा सकते हैं, तो घर में ही नहाने वाले पानी में थोड़ा सा गंगाजल के साथ थोड़े से तिल डाल लें। ऐसा करना शुभ माना जाता है।
तिल का उबटन
हिंदू धर्म के अनुसार, षटतिला एकादशी के दिन तिल का उबटन लगाने का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन तिल का उबटन लगाने से रोगों से मुक्ति मिल जाती है।
तिलोदक
षटतिला एकादशी के दिन अंजुलि में जल और तिल डालकर पितरों का तर्पण जरूर करें। ऐसा करने से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
तिल का हवन
षटतिला एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने के साथ हवन करना काफी शुभ माना जाता है। इसके साथ ही हवन में तिल जरूर अर्पित करें।
तिल का भोजन
षटतिला एकादशी के दिन किसी न किसी तरह से तिल को जरूर शामिल करना चाहिए। इससे शुभ फलों की प्राप्ति होगी।
तिल का दान
षटतिला एकादशी के दिन स्नान दान का विशेष महत्व है। इसके साथ ही इस तिल का दान जरूर करना चाहिए। ऐसा करने से शनिदेव की अशुभ स्थिति का प्रभाव कम होता है।