कोलकाता : दिवाली हिंदू धर्म के सबसे विशेष त्योहारों में से एक है और दिवाली से ठीक पहले धनतेरस मनाया जाता है। इस साल 10 नवंबर 2023, शुक्रवार को धनतेरस मनाया जाएगा। ऐसी मान्यता है कि इस दिन बाजार से नई धातुओं को खरीदना शुभ होता है। धनतेरस के दिन बाजारों में सोने, चांदी, झाड़ू बर्तन जैसे धातुओं की भरमार लग जाती है। आप भी धनतेरस में कुछ ना कुछ तो जरूर खरीदते होंगे, लेकिन यहां आप जानेंगे कि धनतेरस के दिन बर्तन खरीदने के पीछे का कारण क्या है। आखिर क्यों धनतेरस के दिन बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है। मान्यता ये भी है कि बर्तन खरीदने से मां लक्ष्मी की विशेष कृपा बरसती है तो चलिए जानें क्या है इसके पीछे का कारण।
धनतेरस पर बर्तन क्यों खरीदते हैं
पौराणिक कथा के मुताबिक कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर समुद्र मंथन हो रहा था और इसी दिन भगवान धन्वंतरि कलश लेकर प्रकट हुए थे। भगवान धन्वंतरि के हाथों में पीतल का कलश था इसलिए इस दिन पीतल के बर्तन खरीदने की परंपरा है। मान्यता है कि अगर धनतेरस के दिन आप किसी भी वस्तु की खरीदारी करते हैं तो आपको उसमें 13 गुना ज्यादा वृद्धि होती है। इसलिए कई लोग इस दिन सोना, चांदी, बर्तन और झाड़ू खरीदते हैं। यहां तक की लोगों के द्वारा चांदी के लक्ष्मी- गणेश और चांदी के सिक्के भी घर लाए जाते हैं ताकि घर में बरकत बनी रहे और मां लक्ष्मी की कृपा बरसती रहे।
धनतेरस पर क्या नहीं खरीदना चाहिए
जहां धनतेरस के दिन खरीदारी करना शुभ माना जाता है, वहीं कुछ चीजें ऐसी भी है जिसे खरीदने से बचना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार धनतेरस के दिन स्टील और प्लास्टिक के बर्तन नहीं खरीदने चाहिए। इसे खरीदना अशुभ माना जाता है। एल्यूमीनियम भी दुर्भाग्य का प्रतीक होता है। ध्यान रहे धनतेरस के दिन आप कोई भी धारदार चीज ना खरीदे इससे घर की शांति भंग हो सकती है।
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