कोलकाता : बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रदर्शनकारी डॉक्टर्स को धमकाने के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। गुरुवार को सोशल मीडिया पर किए गए पोस्ट में ममता ने स्पष्ट किया कि उन्होंने कभी भी डॉक्टर्स के खिलाफ किसी भी प्रकार की धमकी नहीं दी है और उनके आंदोलन का पूरा समर्थन करती हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आरोप लगाया था कि ममता बनर्जी ने उन जूनियर डॉक्टर्स को धमकाया, जो 21 दिनों से हड़ताल पर हैं। ये डॉक्टर्स आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक ट्रेनी डॉक्टर के मर्डर और रेप के मामले में न्याय की मांग कर रहे हैं।
क्या है मामला ?
9 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक ट्रेनी डॉक्टर का शव अर्धनग्न अवस्था में मिला, जिसमें रेप की पुष्टि हुई। इसके बाद, 10 अगस्त से डॉक्टर्स ने हड़ताल शुरू कर दी थी। 27 अगस्त को नवान्न अभियान के दौरान पुलिस और छात्रों के बीच झड़पें हुईं, जिससे कई लोग घायल हुए। भाजपा ने 28 अगस्त को बंगाल बंद का आह्वान किया, जिसमें हिंसा और पत्थरबाजी की घटनाएं भी सामने आईं।
ममता का बयान: मीडिया द्वारा फैलाए गए गलत आरोप
ममता ने कहा कि उनके खिलाफ मीडिया में फैलाए जा रहे आरोप पूरी तरह से झूठे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी स्पीच का संदर्भ श्रीरामकृष्ण परमहंस के उपदेश से था, जिसमें आवाज उठाने की जरूरत की बात की गई थी। ममता ने आरोप लगाया कि भाजपा द्वारा बंगाल में अराजकता फैलाने की कोशिश की जा रही है और उन्होंने इसके खिलाफ आवाज उठाई है।
भाजपा और ममता की टकराव
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने ममता के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्हें असम को धमकाने का कोई अधिकार नहीं है। भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने ममता के शब्दों को डॉक्टर्स को धमकाने की कोशिश बताया, और कहा कि शब्दों के खेल से करियर को तबाह करने की धमकी दी जा रही है।