मुंबईः आयातकों की मजबूत डॉलर मांग तथा विदेशी कोषों की निकासी के कारण निवेशकों की कारोबारी धारणा प्रभावित होने से अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में डॉलर के मुकाबले रुपया 11 पैसे टूटकर 85.75 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर बंद हुआ। वर्ष 2024 में अधिकांश मुद्राओं के मुकाबले डॉलर में तेजी रही थी और यह सिलसिला नए साल में भी जारी रहने की संभावना है। विदेशी कोषों की लगातार निकासी से भी कारोबारी धारणा प्रभावित हो रही है। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया कमजोरी के साथ खुला और कारोबार के दौरान 85.68 के ऊपरी स्तर तक गया और 85.79 प्रति डॉलर के निचले स्तर तक आया। बुधवार को रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 85.64 पर स्थिर रहा था जो इसका रिकॉर्ड निचला बंद भाव है। रुपये ने 27 दिसंबर को कारोबार के दौरान डॉलर के मुकाबले 85.80 के अबतक के सबसे निचले स्तर को छुआ था।
मिराए एसेट शेयरखान के शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा, ‘‘हमें आशंका है कि अमेरिकी डॉलर में मजबूती और आयातकों की तरफ से डॉलर मांग आने के कारण रुपया नकारात्मक रुख के साथ कारोबार करेगा। विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की लगातार निकासी से रुपये पर और दबाव पड़ सकता है।’’
चौधरी ने कहा, ‘‘हालांकि, भारतीय रिजर्व बैंक का किसी भी तरह का हस्तक्षेप रुपये को निचले स्तर पर सहारा दे सकता है। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये का हाजिर भाव 85.50 से 86 के बीच रहने की उम्मीद है।’’