नई दिल्ली – भारतीय रिजर्व बैंक ने पर्सनल लोन के नियमों को बदल दिया है। नियमों को बदल कर पहले के मुकाबले सख्त कर दिया गया है। बदले हुए नियम एक साथ कई पर्सनल लोन लेेने की इच्छा रखने वाले व्यक्तियों के लिए चुनौती पैदा कर सकते हैं। बदले हुए नियमों के तहत अब बैंको को लोन लेने वालों की गतिविधि की रिपोर्ट क्रेडिट ब्यूरो को हर 15 दिन में देनी होगी। इसके पहले यह एक महीने का अंतराल होता था। रिकॉर्ड को अधिक बार अपडेट किए जाने से उधारकर्ताओं को अब अधिक जांच का सामना करना पड़ेगा। अधिक जांच कि वजह से कई लोन लेेने की संभवनाए कम हो जाएगी। आरबीआई ने कहा कि इससे बैंको को जोखिम का आकलन करने की क्षमता में सुधार होगा।
अधिक सटीक और समय पर डेटा मिलेगी
क्रेडिट सूचना कंपनी सीआरआईएफ हाई मार्क के चेयरमैन सचिन सेठ ने कहा, ‘समान मासिक किस्तें (EMI) पूरे महीने में अलग-अलग तिथियों पर आती हैं। महीने में एक बार डेटा रिपोर्ट करने से चूक या पुनर्भुगतान पर अपडेट में 40 दिनों तक की देरी हो सकती है। 15-दिवसीय रिपोर्टिंग चक्र पर स्विच करने से ये देरी काफी कम हो जाएगी। बैंको के पास अब अधिक सटीक और समय पर डेटा तक पहुंच होगी.’