बैंकॉक ः अपनी निर्यात नियंत्रण पहल का विस्तार करते हुए अमेरिका के वाणिज्य मंत्रालय ने चीन की और कंपनियों पर लगाम कसने की तैयारी कर ली है। इसमें कंप्यूटर चिप, चिप बनाने के उपकरण तथा सॉफ्टवेयर बनाने वाले उपकरण बनाने वाली कई कंपनियां शामिल हैं। इस तथाकथित ‘इकाई सूची’ में शामिल की गई 140 कंपनियों में से करीब सभी चीन में स्थित हैं। हालांकि जापान, दक्षिण कोरिया और सिंगापुर में चीनी स्वामित्व वाली कुछ कंपनियों को भी इसमें शामिल किया गया है।
क्या होगा असर ः इन कंपनियों के ‘इकाई सूची’ में शामिल होने से तात्पर्य है कि इनके साथ व्यापार करने की कोशिश करने वाली किसी भी अमेरिकी कंपनी को निर्यात लाइसेंस देने से इनकार कर दिया जाएगा। संशोधित नियम सोमवार को अमेरिकी संघीय रजिस्टार की वेबसाइट पर साझा किए गए। नियम चीन को उच्च बैंडविड्थ मेमोरी चिप के निर्यात को भी सीमित करते हैं। कृत्रिम मेधा जैसे उन्नत अनुप्रयोगों में भारी मात्रा में डेटा को संसाधित करने के लिए ऐसी चिप की आवश्यकता होती है।
चीन ने अमेरिका पर किया पलटवार
इधर, चीन ने गैलियम, जर्मेनियम, एंटीमनी और संभावित सैन्य उपयोग वाली अन्य प्रमुख उच्च प्रौद्योगिकी सामग्री के अमेरिका को निर्यात पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की। चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने इस कदम की घोषणा अमेरिका द्वारा कंप्यूटर चिप बनाने वाले उपकरण, सॉफ्टवेयर और उच्च बैंडविड्थ मेमोरी चिप के निर्यात पर नियंत्रण के अधीन चीनी कंपनियों की अपनी सूची का विस्तार करने के बाद की। इन चिप का इस्तेमाल उन्नत अनुप्रयोगों के लिए होता है। चीन ने पहले निर्यातकों को गैलियम जैसी रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण सामग्री को अमेरिका भेजने के लिए लाइसेंस के लिए आवेदन करने की आवश्यकता बताई थी। अमेरिका की तथाकथित ‘कंपनी सूची’ में हाल ही में शामिल की गई लगभग सभी 140 कंपनियां चीन में स्थित हैं। हालांकि, जापान, दक्षिण कोरिया और सिंगापुर में कुछ कंपनियां चीन के स्वामित्व वाली हैं। चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने इसका विरोध किया और कहा कि वह चीन के ‘अधिकारों और हितों’ की रक्षा के लिए कार्रवाई करेगा।