तैयारियां हैं आखिरी चरण में
महाकुंभ का थोड़ा असर दिखा गंगासागर मेले पर
सुरक्षा की है पर्याप्त व्यवस्था
कोलकाता : कहावत है ना ‘सब तीर्थ बार-बार, गंगासागर एक बार’। हालांकि राज्य सरकार द्वारा की गई उत्तम व्यवस्था देखकर यह कहा जा सकता है कि सब तीर्थ एक बार, मगर गंगासागर बार-बार। आज से गंगासागर मेला की शुरुआत हो गई है। ऐसे में दूर-दराज से आए तीर्थयात्रियों को किसी भी तरह की दिक्कत ना हो, इसकाे ध्यान में रखते हुए शहर के आउट्राम घाट पर पर्याप्त व्यवस्था की गई है। सनातन धर्म में इस मेले को लेकर लोगों के मन में अलग श्रद्धा है। ऐसे में हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी गंगासागर मेले को लेकर आउट्राम घाट को सजाया गया है और अन्य बचा हुआ काम लगभग अंतिम चरण में है। लोगों की सुरक्षा काे ध्यान में रखते हुए जगह-जगह पुलिस चेकपोस्ट बनाए गए हैं। साथ ही पूरा परिसर सीसीटीवी की निगरानी में है। इसके अलावा विभिन्न सीसीटीवी की फुटेज काे प्रसारित करने के लिए एक बड़ा एलईडी स्क्रिन लगाया गया है।
आउट्राम घाट पहुंचने लगे हैं श्रद्धालु
संस्कृति और आध्यात्मिकता से भरा यह मेला लोगों में श्रद्धा का एक केंद्र है। ऐसे में सागर के पवित्र जल में स्नान करने के लिए श्रद्धालु आउट्राम घाट पर पहुंचने शुरू हो गए हैं। इसके बाद यहां से श्रद्धालु गंगासागर स्नान के लिए प्रस्थान करेंगे। आउट्राम घाट पर श्रद्धालुओं के लिए विश्रामागार, प्राथमिक चिकित्सा, नि:शुल्क शुद्ध पेय जल की व्यवस्था विभिन्न शिविरों के माध्यम से की गयी है। गंगासागर मेला में आए श्रद्धालु भोला कुमार, जो यूपी के रहने वाले हैं,ने कहा कि वह 6 वर्षों से सागर में डुबकी लगाने इस मेले में आ रहे हैं, इससे मन में शान्ति मिलती है। वहीं श्रद्धालु मुन्नी देवी ने बताया कि पहले गंगासागर जाने में बहुत सारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था, मगर अब व्यवस्था काफी अच्छी हो गई है।
पिछले साल की तुलना में दिखे कम लोग
पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष आउट्राम घाट पर लोगों की भीड़ कम देखने को मिली। कुछ साधु संतों से बात करने पर इसका मुख्य कारण इस वर्ष आयोजित महाकुंभ को बताया जा रहा है। 12 सालों में एक बार आयोजित होने वाला महाकुंभ इस वर्ष प्रयागराज में आयोजित होने जा रहा है। इस वजह से कई श्रद्धालु गंगासागर की जगह प्रयागराज की ओर रुख कर लिए हैं जिससे इस वर्ष फिलहाल गंगासागर को लेकर आउट्राम घाट पर तुलनात्मक कम भीड़ देखने को मिल रही है।