बंगाल के अधिकारियों के खिलाफ नोटिस पर रोक 19 जुलाई तक बढ़ी

बंगाल के अधिकारियों के खिलाफ नोटिस पर रोक 19 जुलाई तक बढ़ी
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नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) और अन्य के खिलाफ लोकसभा सचिवालय द्वारा जारी समन नोटिस पर लगाई गई रोक 19 जुलाई तक के लिए सोमवार को बढ़ा दी। लोक सचिवालय ने सदन के विशेषाधिकार के कथित उल्लंघन से संबंधित मामले में इन अधिकारियों के खिलाफ समन जारी किया था। शीर्ष अदालत ने समन के खिलाफ पश्चिम बंगाल के शीर्ष नौकरशाहों द्वारा दायर याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए लोकसभा सचिवालय और अन्य को 15 अप्रैल को दो सप्ताह का समय दिया था। भारतीय जनता पार्टी के सांसद सुकांत मजूमदार द्वारा अधिकारियों के खिलाफ दायर 'दुर्व्यवहार' की शिकायत पर लोकसभा की विशेषाधिकार समिति ने उन्हें (अधिकारियों को) तलब किया था। मजूमदार ने राज्य के उत्तर 24 परगना जिले के हिंसा प्रभावित संदेशखालि का दौरा करने की कोशिश करते वक्त 'दुर्व्यवहार' किये जाने की शिकायत की थी। भारत के प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने नौकरशाहों की याचिका पर सुनवाई उस वक्त 19 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी, जब उसे लोकसभा सचिवालय की ओर से पेश एक वकील ने सूचित किया कि सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता देश से बाहर होने के कारण उपलब्ध नहीं हैं। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, ''हम इसे शुक्रवार को सूचीबद्ध करेंगे।'

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