तैयारी पूरी : तेलंगाना, गुजरात, उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों से आएंगे पुलिस बल
भूपतिनगर मामला बना बड़ा कारण
कोलकाता : भूपतिनगर में एनआईए अधिकारियों पर हुए हमले की घटना ने राज्य में होने वाले चुनाव की रूपरेखा पूर्ण रूप से बदल दी। कुछ दिनों पहले जहां आयोग पहले चरण के चुनाव में केंद्रीय बलों की 160 कंपनी को तैनात किए जाने पर विचार कर रहा था।वहीं शनिवार को पूर्व मिदनापुर के भूपतिनगर में हुई घटना के बाद आयोग ने योजना को स्थगित कर नई रणनीति तैयार की। इसके तहत राज्य में होने वाले पहले चरण के मतदान के दौरान सभी पोलिंग बूथों पर केंद्रीय बलों को तैनात किए जाने का निर्णय लिया गया है। शनिवार को बीएसएफ गेस्ट हाउस में केंद्रीय बलों की तैनाती की योजना तैयार करने के लिए एक अहम बैठक की गई। बैठक में राज्य के स्पेशल जनरल ऑब्जर्वर आलोक सिन्हा, स्पेशल पुलिस ऑब्जर्वर अनिल कुमार शर्मा, राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. आरिज आफताब, केंद्रीय बलों के नोडल अधिकारी सीआरपीएफ के आईजी बीके शर्मा और राज्य पुलिस के नोडाल ऑफिसर एडीजी लीगल आनंद कुमार मौजूद थे। बैठक में केंद्रीय बलों की तैनाती की रूपरेखा तैयार करने के लिए लंबे विचार विमर्श के बाद गृह मंत्रालय के समक्ष अतिरिक्त फोर्स की मांग रखी गई। गृह मंत्रालय ने सभी पहलुओं पर विचार किए जाने के बाद तेलंगाना, गुजरात, उत्तर प्रदेश समेत कई अन्य राज्यों से पुलिस बल को बंगाल में भेजने का निर्णय लिया। उल्लेखनीय है कि इसके पहले भी वर्ष 2023 में हुए पंचायत चुनाव के दौरान दूसरे राज्यों से पुलिस बल को राज्य में तैनात किया गया था। वहीं सभी पोलिंग बूथों पर केंद्रीय बलों की तैनाती के साथ ही आयोग ने सभी मतदान केद्रों की 100% वेबकास्टिंग किए जाने का भी निर्णय लिया है।