महानगर के ज्यादातर जलस्रोत पड़े है टूटे
कोलकाता : भीषण गर्मी पड़ रही है और तापमान 40 के पार पहुंच चुका है। लगातार हीट वेव चलने से लू की स्थिति बनी हुई है। इस भीषण गर्मी में लोगों को बार-बार प्यास लगता है और गला सूखता है। ऐसे में महानगर के अलग-अलग इलाकों में यह देखने को मिल रहा है कि सड़कों पर ज्यादातर जलस्रोत टूटे अवस्था में पड़े है। इन्हें देखकर यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि इनकी रखरखाव सही तरीके से नहीं हुई है जिस कारण यह अब उपयोग करने योग्य नहीं है। किसी भी इलाके में ढंग का प्याऊ तक नहीं है। लोगों को यदि प्यास लगेगी तो उन्हें या तो पानी खरीद कर पीना पड़ेगा या फिर किसी नल की तलाश करनी होगी। इस प्रचंड गर्मी में जो सबसे ज्यादा जरूरी है वह पानी ही है। इसके बावजूद पानी को लेकर नगर निगम गंभीर नहीं है।
राहगीरों को नहीं मिल रहा है मुफ्त का पानी
महानगर के ज्यादातर जलस्रोत टूटे होने के कारण आम राहगीरों को भीषण गर्मी में भी मुफ्त में पीने का पानी नहीं मिल पा रहा है। शहर के प्रतिनिधियों द्वारा कोलकाता नगर पालिका के मासिक सत्र में जल निकायों की ऐसी दुर्दशा का मुद्दा कई बार उठाया गया है, जिसके जवाब में नगर निगम के अधिकारियों ने इन्हें ठीक करने का आश्वासन दिया है। लेकिन इसके बावजूद अधिकांश जल निकाय अब भी ख़राब है।
पिछले साल मई में वार्ड नंबर 84 की पार्षद परोमिता चटर्जी ने नगर पालिका की मासिक बैठक में बताया था कि उनके वार्ड के अधिकांश जलाशयों से ठंडा पानी नहीं मिल रहा है। मेयर फिरहाद हकीम ने परमिता की शिकायत के जवाब में कहा कि शहर में जल निकायों की संख्या रखी जाएगी और नगर निगम के अधिकारी यह भी देखेंगे कि उनका रखरखाव ठीक से हो रहा है या नहीं। मेयर ने इसकी जिम्मेदारी देबाशीष कुमार को सौंपी थी। लेकिन आरोप है कि करीब एक साल बाद भी शहर के अलग-अलग इलाकों में फुटपाथ पर बने जलस्रोतों का हाल जस का तस है। नतीजतन आम लोगों को इतनी भीषण गर्मी में भी जलाशयों से ठंडा व शुद्ध पेयजल नहीं मिल पा रहा है।