कोलकाता: मालदह में तृणमूल नेता दुलाल सरकार की हत्या के बाद राज्य प्रशासन अलर्ट मोड में है। राज्य सचिवालय नवान्न ने शुक्रवार को सभी जिला प्रशासन को जिले के नेताओं और वीआईपी की सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने का निर्देश दिया। राज्य सचिवालय नवान्न के सूत्रों के अनुसार इस दिन एडीजी (लॉ एंड आर्डर) और सुरक्षा निदेशक जैसे आला पुलिस कर्मियों सहित शीर्ष प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति में जिला प्रशासन के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक हुई। इस बैठक में सभी जिलों के सुरक्षा ऑडिट का सत्यापन किया गया। बैठक में राज्य प्रशासन की ओर से निर्देश दिया गया कि पिछले 5 वर्षों में जिले के जिन वीआईपी या नेताओं की सुरक्षा वापस ली गयी है, उनकी पहचान कर उसकी गहन समीक्षा की जाये। अगर सुरक्षा व्यवस्था में कोई कमी या संदेह हो तो नवान्न की ओर से उन सभी वीआईपी या नेताओं को नई सुरक्षा व्यवस्था जल्द से जल्द मुहैया करायी जाये। इस संबंध में राज्य प्रशासन ने जिला प्रशासन को एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर जितनी जल्दी हो सके सौंपने का निर्देश दिया है। मालूम हो कि मालदा के तृणमूल नेता दुलाल सरकार उर्फ बाबला सरकार की हत्या के मद्देनज़र गुरुवार को नवान्न में प्रशासनिक बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जिला पुलिस अधीक्षक पर नाराज हो गयी थीं। उनके करीबी टीएमसी के मालदा जिले के उपाध्यक्ष और इंग्लिश बाजार नगर पालिका के पार्षद दुलालचंद्र सरकार उर्फ बाबला की मालदा में बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। गुरुवार की सुबह दुलाल झलझलिया के पास अपनी प्लाईवुड फैक्ट्री के पास खड़े थे, तभी यह घटना घटी। गुरुवार को मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि सरकार की हत्या ‘पुलिस की लापरवाही’ के कारण हुई। उन्होंने कहा कि उस पर पहले भी हमला हो चुका है। उन्हें सुरक्षा मिलती थी। बाद में इसे वापस ले लिया गया। इसके बाद उन्होंने राज्य प्रशासन को सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों के साथ बैठक कर समीक्षा करने का निर्देश दिया कि कहां कहां सुरक्षा की कमी है। उसी परिप्रेक्ष्य में शुक्रवार को यह बैठक हुई जिसमें ये अहम फैसला लिया गया।
‘खतरे में’ नेताओं की सुरक्षा
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