कोलकाता : 24 जुलाई को होने वाले राज्यसभा चुनावों में पश्चिम बंगाल से सात सांसद चुने जाने हैं। 6 सीटों पर तो सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवारों की जीत पक्की है। पहली बार मुख्य विपक्षी भारतीय जनता पार्टी को भी वहां से ऊपरी सदन में सांसद को चुनकर भेजने का मौका हाथ लगा है। पश्चिम बंगाल के नेता प्रतिपक्ष और बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी के मुताबिक पार्टी मंगलवार को राज्य से अपने राज्यसभा प्रत्याशी के नाम का ऐलान कर सकती है। इससे पहले भी बीजेपी स्वपन दासगुप्ता और रूपा गांगुली को राज्यसभा में भेज चुकी है, लेकिन उन दोनों का ही चुनाव नहीं हुआ था। वे दोनों ही उच्च सदन के मनोनीत सदस्य रहे हैं।
71 साल भाजपा को राज्यसभा में सांसद भेजने का मौका
1952 में आचार्य देब प्रसाद घोष बंगाल से राज्यसभा के लिए सांसद चुने गए थे। वह भारतीय जनता पार्टी के पूर्व संगठन जन संघ के टिकट पर निर्वाचित हुए थे। उनके बाद इस दक्षिणपंथी पार्टी के पास पहली बार राज्य में इतने विधायक हैं कि वह प्रदेश से राज्यसभा में अपना प्रतिनिधि भेज सकती है।
टीएमसी को कुछ बीजेपी-कांग्रेस विधायकों का भी समर्थन
294 सीटों वाली पश्चिम बंगाल विधानसभा में अभी 293 एमएलए हैं और एक सीट खाली है। आधिकारिक तौर पर सत्ताधारी टीएमसी के पास 217 एमएलए हैं। जबकि, मुख्य विपक्षी बीजेपी के पास आधिकारिक तौर पर 75 एमएलए हैं। लेकिन, जहां ममता बनर्जी की पार्टी को सात और विधायकों (6 बीजेपी और एक कांग्रेस) का समर्थन मिलना तय है। वहीं बीजेपी कम से कम 6 विधायकों को अपने खाते में मानकर चल रही होगी, इसकी संभावना न के बराबर है। ये वैसे विधायक हैं, जो सिर्फ तकनीकी तौर पर पुरानी पार्टियों से जुड़े हुए हैं।
टीएमसी ने 6 उम्मीदवारों के नाम कर दिए हैं तय
सोमवार को तृणमूल ने डेरेक ओ’ब्रायन, सुखेंदु शेखर रे और डोला सेन को फिर से राज्यसभा में भेजने का फैसला किया है। वहीं तीन नए नाम शामिल किए हैं, जिनमें विवादों में रहने वाले आरटीआई ऐक्टिविस्ट साकेत गोखले, सोशल ऐक्टिविस्ट और प्रोफेसर समीरुल इस्लाम और प्रकाश चिक बड़ाईक का नाम शामिल हैं।
भाजपा से इन पांच नामों की हो रही है चर्चा
भाजपा के संभावित उम्मीदवार के तौर पर जिन नामों की चर्चा चल रही है, उनमें से कुछ राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध चेहरे शामिल हैं। इन नामों में अनिर्बान गांगुली का नाम भी शामिल है, जो गृहमंत्री अमित शाह के बायोग्राफर हैं। वे डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी रिसर्च फाउंडेश के मानद निदेशक हैं। दूसरा नाम फिल्म स्टार मिथुन चक्रवर्ती का लिया जा रहा है, जो 2021 से बीजेपी के सदस्य हैं और राज्यसभा में जाने की इच्छा भी जाहिर कर चुके हैं। वह पार्टी के स्टार प्रचारक भी हैं।
तीसरा नाम भारती घोष का लिया जा रहा है, जो पूर्व आईपीएस अधिकारी हैं और सीएम ममता बनर्जी के साथ भी काम कर चुकी हैं और उनके साथ अच्छे ताल्लुकात भी माने जाते हैं। वह 2021 में बीजेपी के टिकट पर चुनाव भी लड़ चुकी हैं। चौथा नाम है, अनंत महाराज का जो ग्रेटर कूच बिहार पीपुल्स एसोसिएशन के नेता हैं। उन्हें उत्तर बंगाल की आवाज भी कहा जाता है। वह उत्तर बंगाल को केंद्र शासित प्रदेश बनाने की मांग करते आए हैं और 2019 का लोकसभा चुनाव और 2021 का विधानसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं।
पांचवां नाम है पत्रकार से नेता बने स्वपन दासगुप्ता का, जिन्हें भाजपा पहले भी राज्यसभा में भेज चुकी है। उन्होंने इस्तीफा देकर 2021 में विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।