जगह-जगह अतिक्रमण, मौत को दावत दे रही हैं बस्तियां | Sanmarg

जगह-जगह अतिक्रमण, मौत को दावत दे रही हैं बस्तियां

सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : महानगर में लगातार हो रही आगजनी की घटनाओं ने प्रशासन की रातों की नींद उड़ा दी है। एक के बाद एक भयावह आगजनी की घटनाएं आम लोगों के साथ ही प्रशासन के लिए चिंता का सबब बन गयी हैं। करया, प्रिंस अनवर शाह, न्यू अलीपुर, तपसिया की झुग्गी-झोंपड़ियों में लगी आग हर किसी को याद है। थोड़ी सी लापरवाही और देखते ही देखते लोगों के घर चंद मिनटों में स्वाहा हो जाते हैं। प्रशासन और नगर निगम की बार-बार चेतावनी और सख्ती के बाद भी हालात ज्यों के त्यों हैं। ऐसी ही अवस्था शोभाबाजार से लेकर जोड़ाबागान क्षेत्र में देखने को मिल रही है। नीमतल्ला स्थित भूतनाथ मंदिर से लेकर शोभाबाजार स्टेशन तक सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण कर सालों से रह रहे बस्ती के लोग किसी बड़ी दुर्घटना को दावत दे रहे हैं। रेलवे ट्रैक के किनारे जान हथेली पर रखकर लोग अपना आशियाना बसाए हुए हैं। आये दिन किसी न किसी तरह की घटनाएं यहां लगातार होती रहती हैं।
जागरुकता के अभाव ने ले ली जान
सोमवार को एक ऐसी घटना हुई जिसमें एक व्यक्ति ने अपनी जान गंवा दी। एक छोटी सी लापरवाही के कारण हाई वोल्टेज बिजली के तार की चपेट में आने से 55 वर्षीय व्यक्ति की दर्दनाक मौत हो गई। उल्लेखनीय है कि भूतनाथ मंदिर के सामने रेल लाइन के निकट 23 दिसंबर की सुबह करीब 10.55 बजे 55 साल के मुन्ना चौधरी नामक व्यक्ति की मौत हो गई थी। बताया जा रहा है कि उसने रेल लाइन के तार पर लटक रही एक रस्सी को उतारने की कोशिश की जो बड़ा खतरा साबित हुआ। उस रस्सी को उतारने के क्रम में वह हाई वोल्टेज बिजली के तार की चपेट में आ गया था जिससे वह चंद सेकेंड में जलकर खाक हो गया। उसके शरीर पर आग की लपटें इतनी ज्यादा थीं कि वह अपने साथ-साथ वहां बसे सैकड़ों लोगों के घरों को भी जलाकर राख कर देता। किसी तरह वहां मौजूद लोगों ने आग बुझाई और मुन्ना को अस्पताल पहुंचाया जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। यह पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है। गौतरलब है कि इन खतरनाक बिजली के तारों के पास लोग प्लास्टिक के तिरपाल या फिर बिचाली का छप्पर बनाकर रह रहे हैं जो कभी भी बड़ी दुर्घटना को दावत दे सकता है। इतना ही नहीं, जानकारी के आभाव के कारण लोगों द्वारा बिजली के तारों से छेड़छाड़ करने की भी शिकायतें सामने आई हैं। इस संबंध में पार्षद विजय उपाध्याय ने बताया कि जहां लोगों ने बस्ती बनायी है, वह रेलवे की जमीन है और बाहरी क्षेत्र पोर्ट ट्रस्ट का है। उन्हें इस पर तुंरत एक्शन लेना चाहिए।
प्लास्टिक शेड से घर तैयार, पर सुरक्षा कहां ?
महानगर में प्लास्टिक का चलन दिन-ब-दिन बढ़ता ही जा रहा है। केएमसी की हजार कोशिशों के बाद भी प्लास्टिक पर रोक लगाना जैसे नामुमकिन सा हो गया है। आप जहां भी नजर घुमाएंगे, आप पाएंगे कि लोग प्लास्टिक का तिरपाल लगाकर अपने दायरे से अधिक क्षेत्र पर कब्जा कर रहे हैं। गौरतलब है कि बस्ती वाले इलाकों में सबसे ज्यादा प्लास्टिक का उपयोग किया जाता है जो सबसे अधिक खतरनाक है। पार्क सर्कस हो या तपसिया अग्निकांड, दमकल विभाग की रिपोर्ट के अनुसार आग लगने का मूल कारण प्लास्टिक ही है और इससे आग की तीव्रता बढ़ जाती है। केवल शोभाबाजार ही नहीं, महानगर के सभी बस्ती वाले इलाकों की यही दशा है। सबसे अधिक चुनौतीपूर्ण बात यह है कि इन लोगों पर पुलिस या केएमसी के अधिकारियों का जोर नहीं चलता। प्लास्टित हटवाने के कुछ ही दिनों बाद फिर प्लास्टिक तिरपाल का कल्चर दोबारा लौट आता है।
बस स्टैंड पर कब्जा कर बनाया जा रहा आशियाना
खाली सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण काफी आम बात हो गई है, लेकिन हद तो तब हो गई जब पब्लिक प्रॉपर्टी पर कब्जा कर आशियाने बनाये जा रहे हैं। सड़कों पर रहने वाले लोगों द्वारा जोड़ाबागान बीके पॉल सरकारी बस स्टैंड पर कब्जा जमाकर आश्याना बनाया जा रहा है जिससे बस यात्रियों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। स्थानीय दुकानदारों की भी शिकायत है कि ये लोग मनमानी करते हैं। यदि कोई यात्री गलती से बैठ जाता है तो वहां रह रहे लोग यात्रियों के साथ गाली-गलौज करने लगते हैं। स्थानीय पार्षद विजय उपाध्याय ने बताया कि 8-10 लोगों का परिवार यहां बसा हुआ है। बस स्टैंड ही नहीं यहां के आसपास के क्षेत्र की भी यही अवस्था है। इसपर त्वरित कार्रवाई की जाएगी।

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