स्वास्थ्य साथी समिति ने जारी की निर्देशिका
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : स्वास्थ्य साथी योजना के तहत उपचार प्रणाली को और पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य साथी समिति एक विशेष ऐप लॉन्च करने जा रही है। जल्द ही सभी निजी अस्पतालों को स्वास्थ्य साथी योजना के तहत भर्ती होने वाले मरीजों की तस्वीरें और टेस्ट रिजल्ट इस ऐप पर अपलोड करने होंगे। ऐप पर अलोड होने वाली मरीज की सभी जानकारियों को अस्पताल, इंश्योरेंस कंपनी और स्वास्थ्य साथी समिति के अधिकारी रियल टाइम में देख सकेंगे। ऐप के इस्तेमाल को लेकर स्वास्थ्य साथी समिति की ओर से कई निजी अस्पतालों को प्रशिक्षण भी दिया गया है। साथ ही कुछ अस्पतालों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर ऐप की शुरुआत कर दी गई है। स्वास्थ्य भवन सूत्रों के अनुसार मरीज के अस्पताल में भर्ती होने के वक्त, ऑपरेशन से पहले, ऑपरेशन के बाद एवं उसके टेस्ट की जानकारी ऐप पर अपलोड करनी होगी। इससे स्वास्थ्य साथी योजना के तहत दी जाने वाली उपचार सेवा में पारदर्शिता लाने में सहायता मिलेगी। ऐप पर तस्वीरों के अपलोड होते ही जियो टैगिंग और एआई के जरिए मरीज किस अस्पताल के किस विभाग में इलाजरत है इसकी जानकारी स्वयं ही अंकित हो जाएगी ।
क्या है एप्लिकेश्न की विशेषताएं
इमेज कैप्चरिंग टूल की विशेषताएं :
. सभी निजी अस्पतालों को स्वास्थ्य साथी मरीजों के उपचार के विभिन्न चरणों की रियल टाइल तस्वीरें ऐप पर अपलोड करनी होंगी।
. मरीज के अस्पताल में भर्ती होने, प्री ओटी, पोस्ट ओटी और डिस्चार्ज के वक्त ऐप के रियल टाइम इमेज कैप्चरिंग टूल के जरिए वीडियो केवाईसी अपलोड करनी होगी।
. स्वास्थ्य साथी योजना के तहत भर्ती सभी मरीजों की तस्वीरें और वीडियो केवल ऐप के इमेज कैप्चरिंग टूल के जरिए सूचीबद्ध की जाएंगी।
. मोबाइल ऐप में कैप्चर की गई सभी तस्वीरों को मरीज के नाम के साथ अपलोड करना होगा। जियो टैगिंग सुविधा से ऐप अस्पताल को स्वयं ही चिह्नित कर लेगा।
. ऐप पर साझा मरीज की जानकारी, अस्पताल का नाम, तारीख और समय सुरक्षित सर्वर में संग्रहीत किया जाएगा।
. मरीज का एक बार फोटो/वीडियो कैप्चर होने के बाद उसे दोबारा कैप्चर नहीं किया जा सकेगा। न ही अस्पताल उन फोटो और वीडियो में कोई भी बलाव कर सकेगा।
. ऐप का इस्तेमाल किसी भी एड्रॉयड संचालित मोबाइल में किसी भी नंबर से किया जा सकेगा। हालांकि एप्लिकेशन केवल अस्पताल परिसर के भीतर एवं या 50 मीटर के दायरे में ही काम करेगा।
. कैप्चर की गई तस्वीरें मेडिकल टीम के अलावा किसी और को उपलब्ध नहीं होंगी और एआई आधारित टूल के माध्यम से स्वास्थ्य साथी समिति समय- समय पर इसकी जांच कर सकेगी।
. इंश्योरेंश कंपनी हॉस्पिटल ट्रांजेक्शन मैनेजमेंट सिस्टम में इमेज कैप्चरिंग की स्थिति देख सकेगी।
निजी अस्पतालों को अपलोड करना होगा स्वास्थ्य साथी मरीजों का रियल टाइम फोटो
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