नई दिल्ली: नए साल 2025 में कुल चार ग्रहण लगने वाले हैं, जिसमें दो सूर्य ग्रहण और दो चंद्र ग्रहण होंगे। ये खगोलीय घटनाएं ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किसी राशि पर अच्छे या बुरे प्रभाव डाल सकती हैं। साथ ही, धार्मिक दृष्टिकोण से ग्रहण को अशुभ माना जाता है और इसके दौरान विशेष सावधानियां बरतने की सलाह दी जाती है।
2025 में लगने वाले सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse):
- पहला सूर्य ग्रहण – 29 मार्च 2025
यह एक आंशिक सूर्य ग्रहण होगा और भारत में इसे नहीं देखा जा सकेगा। इसका समय सुबह 2:20 बजे से शुरू होकर 6:13 बजे तक रहेगा। चूंकि यह भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए सूतक काल मान्य नहीं होगा। - दूसरा सूर्य ग्रहण – 21 सितंबर 2025
यह भी आंशिक सूर्य ग्रहण होगा और इसे भारत में नहीं देखा जा सकेगा। यह 21 सितंबर को रात 10:59 बजे शुरू होगा और 22 सितंबर को सुबह 3:23 बजे समाप्त होगा। इस दौरान भी सूतक काल मान्य नहीं होगा।
2025 में लगने वाले चंद्र ग्रहण (Lunar Eclipse):
- पहला चंद्र ग्रहण – 14 मार्च 2025
यह पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा, लेकिन इसे भारत में नहीं देखा जा सकेगा। यह ग्रहण सुबह 10:41 बजे शुरू होकर दोपहर 2:18 बजे समाप्त होगा। चूंकि यह भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए सूतक काल मान्य नहीं होगा। - दूसरा चंद्र ग्रहण – 7 सितंबर 2025
यह चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई देगा। यह ग्रहण रात 9:57 बजे शुरू होकर 1:26 बजे तक चलेगा। इस दिन 12:57 बजे से सूतक काल आरंभ हो जाएगा। यह चंद्र ग्रहण एशिया, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और अमेरिका के कई हिस्सों में देखा जाएगा।
ग्रहण क्या है?
सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच से गुजरता है, जिससे सूर्य का प्रकाश पृथ्वी तक नहीं पहुंच पाता। वहीं, चंद्र ग्रहण तब होता है जब पृथ्वी, चंद्रमा और सूर्य एक सीधी रेखा में आ जाते हैं, जिससे चंद्रमा पृथ्वी की छाया में आ जाता है।
ग्रहण के दौरान क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?
शास्त्रों के अनुसार ग्रहण के दौरान शुभ कार्यों की मनाही होती है। इस दौरान मंदिरों के द्वार बंद कर दिए जाते हैं और भोजन पकाना भी मना होता है। विशेषकर गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों और बीमार लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। साथ ही, ग्रहण को नंगी आंखों से देखना भी मना है। 2025 में लगने वाले सूर्य और चंद्र ग्रहणों का समय और प्रभाव अलग-अलग होगा। हालांकि, इन ग्रहणों को ज्योतिष शास्त्र में अशुभ माना जाता है, लेकिन ये खगोलीय घटनाएं प्रकृति का एक हिस्सा हैं।