कोलकाता : पश्चिम बंगाल से 9 पर्वतारोहियों के एक दल ने मंगलवार को गुप्त पर्वत पर विजय की जहां आज तक कोई नहीं गया था। ऐसे में दुनिया में पहली बार गुप्त पर्वत पर पश्चिम बंगाल के पर्वतारोहियों ने चढ़ाई की है। आयोजकों ने बताया कि यह पर्वत हिमाचल प्रदेश के लाहुल जिले के पिर पंजल रेंज में है जो 5,988 मीटर की ऊंचाई पर है। यहां उल्लेखनीय है कि गुप्त पर्वत का नाम इस कारण ही गुप्त पड़ा क्योंकि अपनी भौगोलिक स्थिति के कारण यह ठीक से दिखाई भी नहीं देता है। ऐसे में यहां जाने की बात कोई सोच भी नहीं सकता था।
एक पर्वतारोही का नाम है गिनीज बुक में दर्ज
इस चढ़ाई का संचालन कोलकाता के दक्षिणी हिस्से के सोनारपुर में स्थित एक क्लाइम्बर्स क्लब सोनारपुर आरोही की ओर से किया गया। सोनारपुर आरोही के सदस्य अभिजीत चौधरी ने सन्मार्ग को बताया, ‘पर्वतारोही रुद्र प्रसाद हल्दार के नेतृत्व में यह चढ़ाई की गयी और डिप्टी लीडर सत्यरूप सिद्धांत थे।’ यहां उल्लेखनीय है कि सत्यरूप का नाम दुनिया में सबसे युवा पर्वतारोही होने के कारण गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है। इसके अलावा वह भारत से पहले पर्वतारोही हैं जो प्रत्येक महाद्वीप के सात शिखरों और सात ज्वालामुखी शिखरों पर चढ़ाई कर चुके हैं। रुद्र प्रसाद और सत्यरूप दोनों ही माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई कर चुके हैं। इसके अलावा चढ़ाई करने वालों में एकमात्र महिला आरोही दिपाश्री पाल समेत रुद्र प्रसाद चक्रवर्ती, डॉ. उद्दीपन हल्दार, निलय नस्कर, तुहीन हल्दार और देवाशिष मजूमदार हैं।
8 घण्टे की चढ़ाई के बाद पहुंचे चोटी पर
बताया गया कि गत सोमवार की रात लगभग 1 बजे पर्वतारोहियों ने चढ़ाई शुरू की और सुबह लगभग 9 बजे वे चोटी पर पहुंचे। लगभग 8 घण्टे की चढ़ाई के बाद उन्हें यह कामयाबी मिल पायी।
3 जून को की थी चढ़ाई की शुरुआत
बता दें कि गत 3 जून को कोलकाता से टीम पहले हिमाचल गयी जहां से मनाली पहुंचने के बाद टीम दलांग गयी। वहां से सभी इंतजामों के बाद माउंट शिखर बे (6,200 मीटर) और गुप्त पर्वत की चढ़ाई के लिये टीम रवाना हुई। हालांकि रास्ते में हिमस्खलन के कारण वे शिखर बे पर नहीं जा पाये। हिमस्खलन से टीम की क्लाइम्बिंग के सामान नष्ट हो गये थे, लेकिन किसी सदस्य को कोई नुकसान नहीं हुआ। इसके बाद टीम ने केवल गुप्त पर्वत पर जाने पर फोकस किया। सत्यरूप की मां ने कहा, ‘रात भर लोकेशन ट्रैक करती रही’चढ़ाई करने वाले डिप्टी लीडर सत्यरूप सिद्धांत की मां गायत्री सिद्धांत ने कहा, ‘सभी सदस्य सही सलामत हैं, यह काफी राहत वाली बात है।चूंकि मानसून का मौसम आ गया है जिस कारण मन में काफी भय भी था। रात भर मैं जीपीएस से उनका लोकेशन ही ट्रैक करती रही और सुबह खबर मिली कि सभी सही सलामत पर्वत पर चढ़ाई कर चुके हैं।’
बंगाल के इन दिग्गजों ने 5,988 मीटर ऊंचे ‘गुप्त पर्वत’ को कर लिया फतह
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