मरने के 24 मिनट बाद जिंदा हो गई मह‍िला, उसके बाद … | Sanmarg

मरने के 24 मिनट बाद जिंदा हो गई मह‍िला, उसके बाद …

नई दिल्ली : कहते हैं क‍ि मरने से ठीक पहले आपकी आखों के सामने एक तेज रोशनी चमकती है, जो आपको आगे का रास्‍ता दिखाती है। मगर क्‍या सच में ऐसा होता है? वैज्ञानिकों ने ऐसे कई लोगों के अनुभवों पर रिसर्च की है, जिन्‍होंने दावा किया क‍िया क‍ि वे मौत के बाद फ‍िर से जिंदा हो गए। ऐसा कई बार हुआ है क‍ि दिल का दौरा पड़ने से शख्‍स की मौत हुई, लेकिन 10 मिनट बाद पता चला क‍ि वह फ‍िर जिंदा हो गया। इसकी सटीक वजह आज तक वैज्ञानिक नहीं तलाश पाए हैं। अब एक मह‍िला ने दावा किया है कि मरने के 24 मिनट बाद वह फ‍िर जिंदा हो गई। उसने जो बातें बताई हैं, उसे जानने के बाद लोग दहल उठे। लॉरेन नाम की इस मह‍िला ने यह राज भी खोले क‍ि मौत के बाद क्‍या क्‍या होता है। रोशनी आती है या फ‍िर नहीं। आत्‍मा कैसे जाती है।

एक रिपोर्ट के मुताबिक, लॉरेन कैनाडे नाम की एक मह‍िला ने सोशल मीडिया साइट रेडिट पर अपनी कहानी शेयर की है। उन्‍होंने लिखा, पिछले फरवरी में मुझे घर पर अचानक कार्डियक अरेस्ट हुआ। मेरे पति ने 911 पर कॉल किया और सीपीआर देना शुरू किया। डॉक्‍टर आए और मुझे मरा हुआ मान ल‍िया। करीब 24 मिनट के बाद मैं फ‍िर जिंदा हो गई। आईसीयू में मुझे भर्ती कराया गया, लेकिन डॉक्‍टर यह देखकर हैरान थे क‍ि एमआरआई में मस्तिष्क की कोई क्षति नहीं नजर आई।

पत‍ि 4 मिनट तक सीपीआर देते रहे
मह‍िला ने कहा, उस वक्‍त मेरे साथ क्‍या-क्‍या हुआ, मुझे सब साफ साफ याद है। कार्डियक अरेस्ट के बाद मेरे पति ने चार मिनट तक सीपीआर किया। इसी बीच 911 पर कॉल क‍िया, उधर से डॉक्‍टर उन्‍हें समझा रहे थे क‍ि ऐसी स्थित‍ि में क्‍या-क्‍या करना है। कुछ देर बाद इमरजेंसी सर्विसेज भी आ गईं और 24 मिनट बाद मेरा दिल फिर से धड़कने लगा। मुझे अस्पताल ले जाया गया। हालांक‍ि, मैं कोमा में चली गई थी। 2 दिन तक कोमा में रही। जब मैं उठी तो बहुत उलझन में थी। कई दिनों तक मुझे पुरानी चीजें याद नहीं थीं। आईसीयू में मेरे साथ-क्‍या क्‍या हुआ कुछ नहीं पता।

अंत‍िम वक्‍त में आख‍िर हुआ क्‍या
लॉरेन ने कहा, जब मेरे शरीर में प्राण नहीं थे तो इतना याद है क‍ि मुझे अत्‍यध‍िक शांत‍ि महसूस हो रही थी। कोमा से बाहर आने कुछ हफ्तों तक यह शांति मेरे साथ रही। मैं दिन और वक्‍त भूल गई थी। सवालों के जवाब नहीं दे पा रही थी। मैं भूल गई क‍ि मुझे ऐसा क्‍या हो गया क‍ि अस्‍पताल ले जाई गई। लॉरेन ने उस वक्‍त के बारे में बताया, जब उनकी मौत हुई। उन्‍होंने कहा, मैंने कोई रोशनी या सुरंग नहीं देखी, लेकिन मुझे शांति का गहरा एहसास हुआ। मुझे लगा क‍ि मैं अपने दफ्तर में लेटी हुई हूं। यह अजीब है, लेकिन बिल्‍कुल सच है। उसे देखने के बाद मुझे मौत से डर नहीं लगता।

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