Heat Waves in Kolkata ; गर्मी का सितम : सूरज की तल्खी के आगे बेबस है जनता

15 अप्रैल तक गर्मी बरपायेगी कहर, किया गया सतर्क
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : अप्रैल का महीना शुरू हाेते ही गर्मी ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है। यूं तो काल बैसाखी के कारण लोगों को इस बीच कुछ राहत मिली, लेकिन एक बार फिर गर्मी ने अपने तेवर तीखे कर लिये हैं। सोमवार यानी 10 अप्रैल से 15 अप्रैल तक कोलकाता समेत राज्य में गर्मी कहर बरपाने वाली है। ऐसे में मौसम विभाग की ओर से इसे लेकर सतर्क किया गया है। साथ ही डॉक्टरों का कहना है कि काफी जरूरी काम ना रहने पर दोपहर में घर से बाहर न निकलें। इधर, सोमवार को कोलकाता का अधिकतम तापमान 37.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया जो स्वाभाविक से 2 डिग्री अधिक है। वहीं 15 अप्रैल तक अधिकतम तापमान 38 से 39 डिग्री तक बने रहने की संभावना मौसम विभाग की ओर से जतायी गयी है। फिलहाल अधिकतम तापमान 1 से 3 डिग्री तक अधिक है जो अगले 5 दिनों में 2 से 3 डिग्री तक अधिक होने की संभावना है।
क्या कहना है डॉक्टरों का
फोर्टिस हॉस्पिटल, आनंदपुर के इंटरनल मेडिसिन के डॉक्टर जॉयदीप घोष ने कहा, ‘सन स्ट्रोक और सन बर्न दो अलग तरह के स्किन कंडीशन हैं जो लंबे समय तक सूरज की अल्ट्रावायोलेट किरणाें में रहने के कारण होता है। शरीर का टेम्परेचर रेगुलेशन सिस्टम फेल होने के कारण जो मेडिकल इमरजेंसी होती है, उसे हीट स्ट्रोक कहते हैं। इस कारण शरीर का तापमान काफी अधिक हो जाता है। इसके लक्षणों में हाई बॉडी टेम्परेचर, दिल की धड़कन तेज होना, सिर दर्द, थकान, उल्टी और कन्फ्यूजन शामिल है। गंभीर होने पर सन स्ट्रोक के कारण सीजर, कोमा और मौत तक हो सकती है। वहीं सनबर्न एक कॉमन स्किन कंडीशन है जो तेज धूप में रहने के कारण होती है। इस कारण स्किन लाल होना, दर्द होना और स्किन में जलन होती है।’ इन सब कारणों से अधिक गर्मी में हाइड्रेटेड रहना काफी जरूरी है। इसके अलावा डॉक्टर का कहना है कि सन स्क्रीन का इस्तेमाल जरूर करें। अपना सिर और चेहरा ढंककर रखें। इसके अलावा छांव में ब्रेक जरूर लें।
वहीं, लाइफकेयर सेंटर के मेडिकल ऑफिसर एमडी पीएचडी कोलकाता डॉ एके सिंह ने कहा कि तेज धूप में शरीर का इलेक्ट्रोलाइड कम होने से बेहोशी की परेशानी हो रही है। ऐसे लोगों को तरल पेय पदार्थ का सेवन अधिक करना चाहिए।
उन्होंने लोगों को आराम करने और अनावश्यक रूप से सीधे धूप में न निकलने की सलाह दी। इसके साथ ही उन्होंने कहा ‌कि लोगों के लिये खुद को अच्छी तरह से हाइड्रेट रखना बहुत ही जरूरी है।
वहीं, भाटपाड़ा स्टेट जनरल अस्पताल के डॉ. स्वपन बिश्वास ने कहा कि ब्रेन में हाइपोथैलेमस होता है। यह शरीर के इंटरनल तापमान को बैलेंस बनाता है। चाहे बाहर में कितना भी तापमान कम क्यों नहीं हो या फिर ज्यादा हो बॉडी का सिस्टम खुद अंदर का तापमान 98.6 डिग्री तक बनाकर रखता है। डॉक्टर ने कहा कि कई बार जब तापमान कम होता है, तो शरीर हीट जनरेट के लिए मेटाबोलिक प्रोसेस से गर्मी बढ़ाती है। इसी प्रकार जब कभी तापमान ज्यादा होता है, तब शरीर से पसीना निकलता है और जब पसीना हवा के संपर्क में आता है, तो शरीर में ठंडक होती है और गर्मी बैलेंस हो जाती है। लेकिन अचानक तेज तापमान की वजह से यह सिस्टम फेल हो जाता है। यह काम नहीं कर पाता है, जिसकी वजह से परेशानी बढ़ जाती है।
यह हो सकता है असर
* गर्म व डिस्कमफर्ट मौसम रहने की संभावना
* आम लोगों के लिये धूप कुछ हद तक सहनीय हो सकती है, लेकिन बच्चों, बूढ़ों, अन्य बीमारियों वाले, लंबे समय तक धूप में काम करने वाले और भारी काम करने वाले लोगों के लिये परेशानी हो सकती है।
* दोपहर से शाम तक हीट क्रैम्प व हीट रैश की संभावना है।
इन सुझावों पर अमल ​जरूरी
* लंबे समय तक धूप में जाने से बचें
* लाइट वेट, लाइट कलर के, ढीले व कॉटन के कपड़े पहनें
* अपना सर कपड़े, हैट अथवा छाते से ढंककर रखे
* डिहाइड्रेशन से बचने के लिये पर्याप्त पानी पीयें
* सुबह 11 से शाम 4 बजे तक सीधे धूप में रहने से बचें
* आउटडोर गतिविधियों वाले लोग अपना रेस्ट ब्रेक बढ़ायें
* गर्भवती और अन्य मेडिकल ​स्थितियों वाले वर्कर्स विशेष ध्यान रखें

Visited 654 times, 1 visit(s) today
शेयर करें

मुख्य समाचार

Weather Update: बंगाल में भीषण गर्मी के बीच आज 3 जिलों में बदलेगा मौसम, कहां-कहां होगी बारिश ?

कोलकाता: बंगाल में लोगों को लू और गर्म हवा का सामना करना पड़ रहा है। मौसम विभाग की मानें तो गर्मी की लहर अभी कम आगे पढ़ें »

भाजपा को एक सही सबक सिखाया जाना चाहिए… अभिषेक

कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस के नेता अभिषेक बनर्जी ने शनिवार को दावा किया कि देश के मतदाता लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को सबक आगे पढ़ें »

ऊपर