
श्रीलंका के राष्ट्रीय रत्न और आभूषण प्राधिकरण (एनजीजेए) ने कहा 510 किलोग्राम के पत्थर के लिए विदेशों द्वारा खरीदने के लिए बोली लगाई जा रही है। इस नीलम को कोलंबो में एक बैंक की तिजोरी में रखा गया है। बेशकीमती पत्थरों का व्यापार करने वाले एक कारोबारी ने बताया कि यह नीलम का पत्थर घर के पीछे कुएं की खुदाई के दौरान अचानक मिला है।
यह पत्थर रत्नापुरा शहर में पाया गया है। यह शहर श्रीलंका की जेम सिटी कहलाती है। यहां पहले भी काफी बहुमूल्य पत्थर मिले हैं। खुदाई के दौरान मिले इस नीलम पत्थर को सेरेंडिपिटी सैफायर नाम दिया गया है।
25 लाख कैरेट के इस पत्थर के मालिक डॉ. गमागे ने कहा कि कुआं खोद रहे मजदूर ने उन्हें बताया कि जमीन के नीचे शायद बेशकीमती पत्थर है। इस जानकारी के बाद वे मौके पर पहुंच गए और इस पत्थर को सफलता पूर्वक बाहर निकाल लिया गया। सुरक्षा कारणों से आपना पूरा नाम और पता न बताने वाले इस नीलम के मालिक डॉ. गमागे खुद भी बेशकीमती पत्थरों के कारोबारी हैं। घर के कुएं से ये पत्थर निकलने के बाद उन्होंने अथॉरिटीज को इस बारे में जानकारी दी। उनका कहना है कि इस पत्थर को साफ करने और इससे गंदगी हटाने में एक साल का वक्त लगेगा। इसके बाद ही इसका विश्लेषण करके इसका पंजीकरण हो पाएगा। उन्होंने कहा कि पत्थर की सफाई के दौरान उससे नीलम के कुछ टुकड़े अलग होकर गिरे थे। जिनके विश्लेषण पर पता चला कि वो बेहद उच्च श्रेणी के बेशकीमती पत्थर हैं।
एनजीजेए के प्रतिनिधि ने बताया कि “यह एक विशेष नीलम है, जो शायद दुनिया में सबसे बड़ा है। ये नीलम 100 सेमी लंबा, 72 सेमी चौड़ा और 50 सेमी ऊंचा है।” बता दें श्रीलंका विश्व में नीलम पत्थर और अन्य कीमती नगीनों का बड़ा निर्यातक देश है।
एनजीजेए ने ये भी स्पष्ट किया है कि इस पत्थर के मालिक डॉ. गमामगे हैं, क्योंकि ये उनकी संपत्ति से निकला है। हालांकि इस पत्थर को अभी सुरक्षा की वजह से बैंक ऑफ सीलोन में एक तिजोरी में स्थानांतरित कर दिया गया है।