
नई दिल्लीः करीब 3 साल पहले साल 2019 में जब बोरिस जॉनसन ब्रेक्जिट के वादे के साथ ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बने थे, उस वक्त विपरीत परिस्थितियों में भी कंजरवेटिव पार्टी (टोरी) को सत्ता में वापसी देना उनका प्लस प्वाइंट बना था। उनके कई आलोचकों को भी उम्मीदें बन गई थीं कि वह ब्रेक्जिट के झटके से ब्रिटेन को निकाल लेंगे। लेकिन पहले पार्टी गेट और अब सेक्स स्कैंडल ने बोरिस जॉनसन को लोकप्रियता के शिखर से फर्श पर ला दिया है।
हालात ऐसे हैं कि जिस नदीम जहावी को जॉनसन ने महज 36 घंटे पहले अपना समर्थक समझ वित्त मंत्री बनाया था। वह भी उनसे इस्तीफे की मांग करने लगे। रिपोर्ट्स के अनुसार अब तक ब्रिटेन सरकार से जुड़े 50 से ज्यादा मंत्री और उनके करीबी इस्तीफा दे चुके हैं। उनका साफ कहना है कि बोरिस जॉनसन अब प्रधानमंत्री के पद पर रहने लायक नहीं है। इस बीच बढ़ते दबाव के बीच ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने इस्तीफा दे दिया है। वह अक्टूबर या उससे पहले, नए नेता के चुनाव तक प्रधानमंत्री बने रहेंगे।
घटती गई लोकप्रियता
दो वरिष्ठ मंत्री ऋषि सुनक और साजिद जाविद पार्टी के इस्तीफे के बाद हुए हाल में हुए सर्वेक्षणों पर नजर डालें, तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि जॉनसन और उनकी पार्टी की आगे की राह कैसी होने वाली है। जिस दिन दोनो ने अपने पदों से इस्तीफा दिया, उस दिन ‘यूगॉव’ ने 3,000 वयस्कों पर किए गए एक संक्षिप्त सर्वेक्षण के परिणाम जारी किए, जिसमें 69 प्रतिशत लोगों को लगता है कि जॉनसन को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए और केवल 18 प्रतिशत ने कहा कि उन्हें पद पर बने रहना चाहिए। साल 2019 में हुए चुनाव में कंजरवेटिव पार्टी को वोट देने वाले वोटरों में से भी 54 प्रतिशत ने कहा कि उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। केवल 33 प्रतिशत को लगता है कि देश की बागडोर उनके हाथों में ही रहनी चाहिए।
सेक्स स्कैंडल ने बढ़ाई मुश्किल
एक रिपोर्ट के अनुसार 30 जून को ब्रिटेन के समाचारपत्र ‘द सन’ ने एक रिपोर्ट छापी, जिसमें उसने दावा किया था कि सत्ताधारी कंजर्वेटिव पार्टी के सांसद क्रिस पिंचर ने लंदन के एक प्राइवेट क्लब में दो मर्दों को आपत्तिजनक तरीके से छुआ। इसके पहले फरवरी में जॉनसन ने विरोध के बावजूद पिंचर को पार्टी का डिप्टी चीफ व्हिप नियुक्त किया था। और कई रिपोर्ट्स में यह बात सामने आई कि पिंचर पर यौन दुर्व्यवहार के 5-6 मामले सामने आए हैं। जिसकी जानकारी पहले से बोरिस जॉनसन को थी। लेकिन इसके बावजूद उनकी सरकार ने यही कहा कि उन्हें पिंचर के आरोपों का जानकारी नहीं थी। जॉनसन की जानकारी की बात उजागर होने के बाद पिंचर को न केवल इस्तीफा देना पड़ा। बल्कि बोरिस जॉनसन ने मामला बिगड़ता देख मंगलवार को माफी भी मांगी।
पार्टी गेट भी जॉनसन को मांफी मांगनी पड़ी थी
इसके पहले अप्रैल में पार्टी गेट मामले को लेकर जॉनसन ने ब्रिटेन को लोगों से माफी मांगी थी। असल में कोरोना जब तेजी से फैल रहा था, उस समय 19 जून 2020 को लॉनकडाउन में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री के घर यानी बोरिस जॉनसन के घर पर नियमों का उल्लंघन कर पार्टी हुई थी। उस दिन जॉनसन का जन्मदिन था। अप्रैल में माफी मांगने के दौरान जॉनसन ने यह स्वीकार किया था कि नियमों का उल्लंघन कर पार्टी करने की वजह से उन पर जुर्माना भी लगा था। हालांकि शुरू में वह नियमों के उल्लंघन की बात से मुकर रहे थे। जिसके बाद उन्हें जून में पार्टी द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव का भी सामना करना पड़ा था, हालांकि उसक वक्त उनकी कुर्सी बच गई थी। वोटिंग के दौरान जॉनसन के पक्ष में 211 और विरोध में 148 वोट डाले गए थे। इस रिजल्ट से संकेत मिल गया था कि उनकी अपनी पार्टी में लोकप्रियता कम हो रही है।