
थाईलैंड : थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक के बाहरी इलाके में एक मंदिर है, जहां रोजना होने वाले एक अनुष्ठान में भाग लेने वाले लोग फूलों का एक गुलदस्ता लेकर ताबूत में लेट जाते हैं, जिसे फिर चादर से ढक दिया जाता है। Wat Bangna Nai temple में हर दिन 100 से ज्यादा लोग इस उम्मीद में अनुष्ठान में शामिल होते कि वो अपनी किस्मत को बेहतर कर सकें या जिंदगी में उन्हें एक नई शुरुआत मिल सके। वहीं महामारी के दौरान जिंदगी की कठिनाइयों ने कुछ लोगों के लिए इस अनुष्ठान को खास बना दिया है।

मृत्यु के बारे में सोचना जरूरी
थाईलैंड में कई मंदिर इस तरह की सेरमनी आयोजित कर रहे हैं। यह सेरमनी कराने वाले मोंक Prakru Prapath Warnukij कहते हैं, ‘जब कुछ लोगों ने इस अनुष्ठान की ऑनलाइन आलोचना की तो उन्होंने पाया कि मृत्यु के बारे में सोचना जरूरी है। यह लोगों को याद दिलता है कि एक दिन वह इस दुनिया को छोड़कर हमेशा के लिए चलेंगे जाएंगे। इसलिए हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि हम किस तरह से अपनी जिंदगी जी रहे हैं। इस सेरमनी में शामिल होने वाले 52 वर्षीय एक व्यक्ति ने कहा कि मैं बहुत परेशान था पर आया आकर मुझे लगा रहा है कि मेरा फिर से जन्म हुआ है और मैं एक नया इंसान बनकर जिंदगी में लौटूंगा।’