बीजिंग : हॉन्गकॉन्ग में जून महीने से प्रदर्शन जारी है। वहां चीन के शासन में स्वतंत्रता खत्म किए जाने के खिलाफ जनता अपने गुस्से को जाहिर कर रही है। इस प्रदर्शन के दौरान चीन की तरफ से चेतावनी दी गयी कि अगर हॉन्गकॉन्ग में प्रदर्शन को नहीं रोका गया तो पुलिस खुलेआम फायरिंग कर सकती है। इस बीच चीन की जिनपिंग सरकार द्वारा मंगलवार को कहा गया कि हॉन्गकॉन्ग के संवैधानिक मामलों में परिवर्तन का अधिकार केवल हमारा है। इसे वहां की जनता की स्वायत्तता पर एक और हमले के तौर पर देखा जा रहा है।
मास्क प्रतिबंध हटाए जाने से चीन नाराज
दरअसल, हाल ही में हॉन्गकॉन्ग के उच्च न्यायालय द्वारा प्रदर्शनकारियों के मास्क पहने जाने पर प्रतिबंध को हटा दिया गया था। न्यायालय ने इसे औपनिवेशिक काल का कानून कहते हुए असंवैधानिक बताया था। इस कानून को रद्द करने के बाद हॉन्गकॉन्ग में प्रदर्शनकारी मास्क पहनने लगे थे। चीन की ओर से इस पर नाराजगी जताते हुए कहा गया कि हॉन्गकॉन्ग के संवैधानिक मामलों पर वहां के न्यायालय को कोई भी फैसला लेने का अधिकार नहीं है।
पांच महीनों से निवासी कर रहे लोकतंत्र की मांग
पिछले 5 महीने से हाॅन्गकॉन्ग में जारी प्रदर्शन के तहत जनता द्वारा चीन से अलग लोकतंत्र बनाए जाने की मांग की जा रही है। छात्र और युवा प्रदर्शनकारी मास्क पहन कर विरोध जता रहे हैं। इस प्रदर्शन के दौरान पिछले महीने चीन समर्थित एक नेता ने 50 वर्ष पुराने कानून को फिर से लागू कर प्रदर्शनकारियों द्वारा मास्क पहने जाने पर प्रतिबंध लगा दिया था। इस प्रतिबंध के बाद भारी तादात में लोग मास्क पहनकर कानून का विरोध करने सड़कों पर उतरने लगे। इस विरोध के बाद हॉन्गकॉन्ग के उच्च न्यायालय ने मास्क पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया था।
संसद ही ले सकता है निर्णय
इस मसले पर चीन का कहना है कि हॉन्गकॉन्ग के न्यायालय ने अपनी हद पार करके यह फैसला सुनाया है। चीन के संसदीय मामलों के प्रवक्ता जांग तिएवी ने बताया कि केवल संसद को ही यह निर्णय लेने का हक है कि संविधान के कौन से कानून हॉन्गकॉन्ग के आधारभूत कानून होंगे। अन्य किसी भी संस्थान द्वारा संविधान से संबंधित निर्णय नहीं लिए जा सकते।
न्यायालय के फैसले पर कार्रवाई का विचार
जांग ने आगे कहा, “उच्च न्यायालय के इस निर्णय ने हॉन्गकॉन्ग की चीफ एग्जीक्यूटिव कैरी लैम और शहर की सरकार को कमजोर किया है।” उन्होंने बताया कि न्यायालय के निर्णय पर संसद कार्रवाई के बारे में विचार कर रहा है। इस मसले पर अफसरों से सलाह की जा रही है।’’