नई दिल्ली/काठमांडु : चीन की शह पर भारत से दुश्मनी पाल रहे नेपाली प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के इशारे पर नेपाल ने बड़ा कदम उठाते हुए भारतीय न्यूज टीवी चैनलों के प्रसारण पर रोक लगा दी है। हालांकि नेपाल ने इसे लेकर कोई आधिकारिक आदेश जारी नहीं किया है, लेकिन नेपाल के केबल टीवी ऑपरेटर भारतीय न्यूज चैनलों का प्रसारण नहीं कर रहे हैं। नेपाल में बैन किए गए चैनलों में डीडी न्यूज को शामिल नहीं किया गया है। दरअसल, भारत विरोधी कदमों और चीन द्वारा दो गांवों पर कब्जों के बावजूद चीन के सामने दुम हिलाने वाले ओली की कुर्सी खतरे में है। ओली की पार्टी नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी के अध्यक्ष पूर्व प्रधानमंत्री कमल दहल प्रचंड ओली का इस्तीफा लेने पर अड़े हुए हैं। सात दिन से ओली की कुर्सी एक-एक दिन के लिए बचती आ रही है। इसकी विस्तृत कवरेज कई भारतीय चैनल कर रहे थे, इसी से ओली को बुरी तरह मिर्ची लग रही थी और इसी कारण अनाधिकारिक तौर पर राष्ट्रीय समाचार प्रसारणकर्ता डीडी न्यूज के अलावा सभी समाचार चैनलों को बंद कर दिया गया। यह भी कहा जा रहा है कि चीन के खिलाफ भारतीय चैनलों द्वारा आम लोगों में दिखाए जा रहे गुस्से एवं चीन की धूर्तता एवं चालों की पोल खोलने के कारण ओली को डर है कि नेपाल में भी उसके आका चीन के खिलाफ माहौल पैदा हो सकता है, इस कारण भी यह कदम उठाया गया है।
बताते चलें कि नेपाल में चीनी सुंदरी के नाम से मशहूर चीन की महिला राजदूत ओली की कुर्सी बचाने के लिए जी-जान से जुटी है। उसी के इशारे पर ओली ने एक के बाद एक भारत विरोधी कदम उठाए हैं। अब नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली भारतीय सामचार चैनलों पर प्रतिबंध लगाकर फिर एक बार चीन के नक्शे कदम पर चलते दिखाई दे रहे हैं। बता दें कि लद्दाख में जारी तनाव के बीच चीन ने भी भारतीय न्यूज चैनलों के प्रसारण पर प्रतिबंध लगा दिया था। चीन को डर था कि वहां के लोगों को भारतीय समाचार चैनलों के माध्यम से सीमा के हालात की सही जानकारी मिल सकती है।
खरी-खरी कहने वाली सांसद की सदस्यता रद्द की
नेपाली प्रधानमंत्री ओली के भारत विरोधी कार्यों के खिलाफ विरोध की आवाज उठाने वाली जनता समाजवादी पार्टी की सांसद सरिता गिरी को भारी कीमत चुकानी पड़ी है। एक दिन पहले ही पार्टी से बाहर निकाले जाने के बाद नेपाल की संसदीय सचिवालय ने मधेसी सांसद सरिता गिरि को अयोग्य घोषित कर दिया। नेपाल की जनता समाजवादी पार्टी (जेएसपी) ने सरिता गिरि को पार्टी से बाहर निकाले जाने के सवाल पर सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने देश के नए नक्शे को लेकर पार्टी के व्हिप का उल्लंघन किया था। उन्होंने न केवल पार्टी व्हिप का उल्लंघन करते हुए संसद में नक्शे को पारित करने के प्रस्ताव का विरोध किया था बल्कि एक दूसरा प्रस्ताव पेश भी किया था।