‘इस्लामिक आतंक’ के विरुद्ध फ्रांस का महायुद्ध शुरू, बड़ी महाशक्तियों का मिला फ्रांस को समर्थन
फ्रांस पर आतंकी हमले के बाद यूरोपीय परिषद का आया बड़ा बयान
पेरिस: फ्रांस और मुस्लिम देशों के बीच इस्लामिक कट्टरपंथी को लेकर हड़कंप मचा हुआ है। अब तक फ्रांस अकेले ही इन देशों का प्रकोप झेल रहा था मगर अब यूरोपीय परिषद और भारत समेत विभिन्न देश भी फ्रांस के समर्थन में आते दिखाई दे रहे हैं।
परंतु यह सवाल सबकी जेहन में है कि क्या इस्लामिक आतंकवाद के मुद्दे पर दुनिया दो ध्रुवों में बंट रही है? कुछ दिन पहले पेरिस में शिक्षक का निर्ममतापूर्वक सिर काटने पर जहां फ्रांस में इस्लामिक कट्टरवादियों पर कार्रवाई कड़ी कर दी गई है। वहीं, फ्रांस की इन कार्रवाइयों के विरोध में मुस्लिम देशों में बड़े पैमाने पर ‘बॉयकॉट फ्रांस’ के नाम पर प्रदर्शन तेज हो रहे हैं।
इसी बीच इस्लामिक आतंकवाद के मुद्दे पर फ्रांस को भारत, अमेरिका, कनाडा और यूरोपीय संघ जैसी बड़ी महाशक्तियों का समर्थन मिल रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस मुद्दे पर आगे टकराव तेज होने की आशंका बढ़ गई है।
क्या मुसलमानों को फ्रांस के लोगों की हत्या का हक है
फ्रांस के खिलाफ आग उगलते हुए मलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री और कट्टर मुस्लिम नेता महातिर मोहम्मद ने एक के बाद एक ट्वीट करके भड़काऊ बयान देते हुए लिखा, ‘हालांकि, धर्म से परे, गुस्साए लोग हत्या करते हैं। फ्रांस ने अपने इतिहास में लाखों लोगों की हत्या की है जिनमें से कई मुस्लिम थे। मुस्लिमों को गुस्सा होने और इतिहास में किए गए नरसंहारों के लिए फ्रांस के लाखों लोगों की हत्या करने का हक है।’ बता दें कि महातिर के इस ट्वीट को कट्टरपंथी फैलाने और नियमों का उल्लंघन करने के लिए डिलीट कर दिया गया जिसके बाद महातिर ने फिर नया ट्वीट करते हुए लिखा, ‘अभी तक मुस्लिमों ने आंख के बदले आंख करना शुरू नहीं किया है। मुस्लिम ऐसा नहीं करते हैं और फ्रांसीसियों को नहीं करना चाहिए। फ्रांसीसियों को अपने लोगों को दूसरे लोगों की भावनाओं का सम्मान करना सिखाना चाहिए।’
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगान ने भी फ्रांस पर निशाना साधते हुए महातिर मोहम्मद का समर्थन करते हुए ही फ्रांस में इस्लाम के नाम पर हो रही हिंसा को जायज ठहराया है। इमरान ने कहा, ‘मुसलमान जब देख रहे हैं कि उनके विश्वास और सबसे अजीज पैगंबर मोहम्मद साहब को निशाना बनाकर मुस्लिम समुदाय के साथ सरकारों की ओर से भेदभाव किया जा रहा है। उनको प्रभावहीन बनाया जा रहा है तो उनकी ओर से क्रोध में ऐसे घातक कदम उठाए जा रहे हैं जो दक्षिणपंथी ताकतों को हालात भडक़ाने में सहायता कर रहे हैं।’
वहीं, रजब तैयब ने मुसलमानों को फ्रांस के खिलाफ भड़काने की कोशिश करते हुए दुनिया भर के मुस्लिम देशों को संबोधित करते हुए कहा, ‘मैं अपने सभी नागरिकों और दुनिया भर के मुसलमानों का आह्वान कर रहा हूं. जैसे वे कहते हैं कि फ्रांस में ‘तुर्की के ब्रांडों की खरीद मत करो’, मैं यहां से अपने सभी नागरिकों को फ्रांसीसी ब्रांडों की मदद करने या उन्हें नहीं खरीदने की अपील कर रहा हूं।’
बता दें कि मैक्रों इस्लामी कट्टरपंथियों पर कड़े रुख और पैगंबर मोहम्मद के कार्टूनों का ‘अभिव्यक्ति की आजादी’ के नाम पर बचाव करने को लेकर मुस्लिम बहुल देशों की आलोचना का तगड़ा सामना कर रहे हैं। तुर्की के आह्वान पर सोमवार से कई खाड़ी देशों ने फ्रांस के उत्पादों के बहिष्कार किया है। सऊदी अरब, कुवैत, जॉर्डन और कतर ने फ्रांस के विरुद्ध मोर्चा तेज किया हुआ है। कुवैत में रिटेल चेन चलाने वाले समूह ने अपनी दुकानों से फ्रांस की कंपनियों के प्रोडक्ट्स हटा लिए हैं। अरब जगत की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था रियाद में भी फ्रेंच प्रोडक्ट्स का बॉयकाट किया गया, जहां रविवार को इससे संबंधित हैशटैग ट्विटर चार्ट पर दूसरे नंबर पर रहा।
ईरान की मीडिया में तो मैक्रों को ‘राक्षस’ बताकर उनको ‘इस्लाम का दुश्मन’ घोषित कर दिया। कुवैत, जॉर्डन, कतर और तुर्की ने फ्रांस के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया है। बांग्लादेश भी इस मुद्दे पर अपनी राय रखने में पीछे नहीं हटा। राजधानी ढाका में प्रदर्शनकारियों ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों का पुतला जलाते हुए जोरदार प्रदर्शन किया।
मैक्रों ने हार न मानने की ठानी
दुनिया भर में विरोध प्रदर्शन और देश पर हो रहे आतंकवादी हमलों के बावजूद फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों झुकने को तैयार नहीं है। इस लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाने को तैयार मैक्रों ने साफ किया है कि फ्रांस इस्लामिक आतंकी हमले के बाद भी फ्रांस अपने ‘अभिव्यक्ति की आजादी और धर्मनिरपेक्षता’ मूल्यों को छोड़ेगा नहीं। उन्होंने कहा, ‘हम मजबूती के साथ खड़े रहेंगे। मैं यहां, सबसे पहले फ्रांस और अन्य जगहों पर कैथोलिक आबादी के लिए राष्ट्र का समर्थन व्यक्त करना चाहता हूं। 2016 की गर्मियों में फादर जैक्स हेमेल की हत्या के बाद, एक बार फिर से कैथोलिकों को निशाना बनाया गया है। पूरा देश उनके पक्ष में खड़ा है। हम मजबूती से साथ खड़े रहेंगे ताकि हमारे देश में धर्म का स्वतंत्र रूप से अभ्यास किया जा सके।’
नीस में गुरुवार को हुआ आतंकी हमला
16 अक्टूबर को पेरिस में टीचर की गला काटकर हत्या के बाद फ्रांस के नीस शहर में एक बार फिर गुरुवार को इस्लामिक आतंकी हमला हुआ। हाथ में कुरान और चाकू लिए एक कट्टरवादी ने पहले ‘अल्लाह हु अकबर’ के मजहबी नारे लगाए और उसके बाद चाकू से लोगों पर हमला बोल दिया। वारदात में 3 लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए। तीन लोगों की हत्या करने वाला सिर्फ 21 वर्ष का आरोपी इसी साल सितंबर के आखिर में ट्यूनिया से आया था।
बता दें कि फ्रांस में दो महीनों में यह तीसरा हमला था जिसमें मुस्लिम चरमपंथियों ने क्रूरतापूर्वक आतंकी हमलो को इशनिंदा के विरोध में अंजाम दिया।
मैक्रों इस घटना के बाद कहा, ‘सर और मैडम एक बार फिर से हमारा देश इस्लामी आतंकवाद का शिकार हुआ है। इस सुबह एक बार फिर से हमारे तीन हमवतनों की नीस में हत्या कर दी गई। यह स्पष्ट रूप से फ्रांस पर हमला किया गया है। जिस समय हम फ्रांस में गिरफ्तारियां कर रहे थे, उसी दौरान हमने जेद्दा में सऊदी अरब में फ्रांसीसी कांसुलर सेक्शन पर हमला देखा है।’ नीस में इस आतंकी हमले के बाद फ्रांस ने इस्लामिक आतंक पर अपना रूख और सख्त कर लिया है। मैक्रों ने देश में सुरक्षा का स्तर बढ़ाने और इस्लामिक आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई तेज करने का आदेश दिया है। राष्ट्रपति के आदेश के बाद अब फ्रांस के प्रमुख स्थानों पर सैनिकों की तैनाती की जाएगी। इन स्थानों में स्कूल और धार्मिक स्थान शामिल रहेंगे। इसके साथ ही सार्वजनिक स्थानों पर सुरक्षा के लिए तैनात सैनिकों की संख्या भी 3 से बढ़ाकर 7 हजार की जाएगी।
कौन से देश हैं फ्रांस के पक्ष में खड़े
भारत का फ्रांस को समर्थन: भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘हम बर्बर आतंकवादी हमले में फ्रांस के एक शिक्षक की निर्ममता से हत्या किए जाने की भी निंदा करते हैं, जिसने पूरे विश्व को स्तब्ध कर दिया। हम उनके परिवार और फ्रांस के लोगों के प्रति संवेदना प्रकट करते हैं। हम राष्ट्रपति इम्मैन्युअल मैक्रों पर अस्वीकार्य भाषा में किए गए व्यक्तिगत हमलों की कड़ी निंदा करते हैं। यह अंतरराष्ट्रीय विमर्श के सबसे बुनियादी मानकों का उल्लंघन है।’
पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करके कहा, ‘मैं आज नीस में चर्च के भीतर हुए नृशंस हमले समेत फ्रांस में हुए हालिया आतंकी हमलों की कड़ी निंदा करता हूं। पीड़ितों के परिवार वालों और फ्रांस के लोगों के साथ हमारी संवेदना। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत फ्रांस के साथ है।’
Press Statement on personal attacks in unacceptable language on French President Emmanuel Macron
Communiqué de presse sur les attaques personnelles dans un langage inacceptable contre le président français Emmanuel Macron
Full statement 👉: https://t.co/L0vx9YM0vS@MEAIndia pic.twitter.com/SzjjymCNYA
— India in France (@Indian_Embassy) October 28, 2020
अमेरिका फ्रांस को सपोर्ट: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने गुरुवार को फ्रांस के नीस शहर में हुए आतंकी हमले के बाद फ्रांस के साथ् अपनी एकजुटता व्यक्त की। उन्होंने कहा, ‘हमारा दिल फ्रांस के लोगों के साथ है। अमेरिका इस लड़ाई में हमारे सबसे पुराने सहयोगी के साथ खड़ा है। इन कट्टरपंथी इस्लामी आतंकवादी हमलों को तुरंत रोकना चाहिए। कोई भी देश, फ्रांस या अन्यथा लंबे समय तक इसे बर्दाश्त नहीं करेगा!’
The murders this morning in Nice were a crime against the freedom of all French citizens. We thank our American friends for their messages of support. France will not give up its values and will continue to fight against extremism. https://t.co/0Js93wn66E pic.twitter.com/BTjtg0TVdf
— French Embassy U.S. (@franceintheus) October 29, 2020
यूरोपीय संघ व कनाडा का समर्थन: यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष और 27 देशों के ब्लॉक के संस्थापक सदस्य व चार्ल्स मिशेल कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने गुरुवार को नीस में घातक आतंकी हमले की कड़ी निंदा की। यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कहा, ‘हम कट्टरता के सामने एकजुट और दृढ़ हैं।’
“I condemn in the strongest possible terms the hideous and brutal attack which took place in Nice today.
My thoughts are with the victims of this appalling act.
We are united and determined in the face of fanaticism and barbarism.”
President @vonderleyen pic.twitter.com/GVcKkpAU8Z
— European Commission 🇪🇺 (@EU_Commission) October 29, 2020
“Devastating news from Nice, where a terrorist attack at a church claimed several lives. Our thoughts are with the loved ones of the victims. We stand in solidarity with the French people against violence and denounce these unjustifiable acts, which have no place in our society.”
— CanadianPM (@CanadianPM) October 29, 2020