
तोक्यो : जापान ने चीन के विदेश मंत्री की यात्रा के दौरान, पूर्वी चीन सागर के विवादित द्वीपों पर उसकी घुसपैठ और बढ़ती गतिविधियों को लेकर बुधवार को विरोध दर्ज कराया। दोनों पक्षों ने विवादित क्षेत्र में उकसावे वाली कार्रवाई से बचने पर सहमति जताई। दो दिवसीय दौरे पर मंगलवार को तोक्यो पहुंचे चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात के बाद मुख्य कैबिनेट सचिव कातसुनोबी कातो ने कहा कि ‘स्थिति बेहद गंभीर है।’
क्षेत्रीय विवाद और युद्ध के इतिहास को देखते हुए दोनों देशों के बीच रिश्ते तनावपूर्ण हैं, यद्यपि अमेरिका के साथ चीन का व्यापार विवाद बढ़ने के बाद हाल के वर्षों में जापान के साथ उसके रिश्तों में सुधार आया है।
क्या है पूरा मामला
क्षेत्रीय विवाद मुख्य रूप से जापान के नियंत्रण वाले पूर्वी चीन सागर द्वीपों को लेकर है जिन्हें जापान सेनकाकू और चीन दिआओयू कहता है। जापान की चेतावनी और विरोध के बावजूद चीनी तटरक्षक जहाजों ने इस द्वीप के आसपास अपनी गतिविधियां बढ़ा दी हैं। कातो ने कहा कि जापान सरकार ने बुधवार को विरोध दर्ज कराया जब चीनी जहाज जापान के सन्निहित क्षेत्र में घुस आए जो उसके जल क्षेत्र के ठीक बाहर स्थित है। गौरतलब है कि जापान के अनुसार, इस साल चीनी घुसपैठ की यह 306वीं घटना है।
जापान को है द्विपक्षीय वार्ता पर भरोसा
कातो ने स्पष्ट किया, ‘मैंने (वांग को) द्वीपों के आसपास चीनी सरकार के जहाजों की गतिविधियों को लेकर हमारी चिंताओं से अवगत कराया और चीन से सकारात्मक कदम उठाने के लिये कहा।’ उन्होंने कहा कि वांग के मुताबिक, चीन को जापान के साथ सकारात्मक रिश्तों की उम्मीद है और यह क्षेत्र में एक रचनात्मक भूमिका निभाएगा। बताते चलें कि जापान के विदेश मंत्री तोशीमित्सु मोटेगी और वांग ने मंगलवार को इस बात पर सहमति जताई थी कि द्वीपों के आसपास तनाव नहीं बढ़ाने की कोशिश की जाएगी।