
फिलीपींस : फिलीपींस दुनिया के उन गिने-चुने देशों में शामिल है जहां सेक्स के लिए सहमति (एज ऑफ कंसेंट) देने की उम्र महज 12 साल है। बाल अधिकारों के लिए काम करने वाले लोगों का कहना है कि सेक्स के लिए सहमति देने की उम्र और बच्चों के साथ यौन अपराधों के बीच कनेक्शन पाया गया है। कई दशकों से मांग किए जाने के बाद अब फिलीपींस में एज ऑफ कंसेंट को बदलने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।सूत्रों के मुताबिक, फिलीपींस में व्यस्क महिलाओं के मुकाबले बच्चों के साथ रेप की घटनाएं अधिक दर्ज की जाती हैं। मोटे तौर पर हर पांच में से एक बच्चे को यौन शोषण से जूझना पड़ता है। कोरोना लॉकडाउन के दौरान बच्चों के साथ ऑनलाइन शोषण की घटनाएं भी बढ़ गई हैं।फिलीपींस काफी धार्मिक देश है और ज्यादातर आबादी कैथोलिक है। वैटिकन के बाद फिलीपींस दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है जहां तलाक गैर कानूनी है।बच्चों के अधिकारों के लिए काम करने वाले संगठनों का कहना है कि सेक्स के लिए सहमति की उम्र बढ़ाने से अपराधिक मामलों में कार्रवाई करना आसान होगा। बच्चों के साथ यौन शोषण की घटनाओं में रेप का मामला चलाया जा सकेगा। कई दशकों तक कानून बदलने की मांग ठुकराने के बाद दिसंबर में फिलीपींस की संसद के निचले सदन ने एज ऑफ कंसेंट को 16 साल करने वाले विधेयक को पारित कर दिया। अब इससे जुड़े विधेयक को ऊपरी सदन में पेश किया जाएगा।उम्मीद की जा रही है कि ऊपरी सदन से पास होने के बाद फिलीपींस के राष्ट्रपति रोड्रिगो डुटेर्टे विधेयक को मंजूरी दे देंगे। डुटेर्टे ने खुद दावा किया था कि बचपन में एक पादरी ने उनका शोषण किया था। वहीं, एक्सपर्ट्स का कहना है कि एज ऑफ कंसेंट को बढ़ाना तो महज एक शुरुआत होगी क्योंकि कानून बदलने के बाद लोगों के एटीट्यूड को बदलना अधिक मुश्किल भरा होगा।