इस्लामाबादः पाकिस्तान में करीब एक महीन से जारी सियासी घमासान फिलहाल थमता नजर आ रहा है। शनिवार-रविवार की दरमियानी रात इमरान खान की सरकार गिर गई। इसके पहले जबरदस्त ड्रामा हुआ। वोटिंग से बचने के लिए इमरान ने हर पैंतरा आजमाया। स्पीकर और डिप्टी स्पीकर के इस्तीफे भी करा दिए। विपक्ष ने नया स्पीकर चुना और फिर वोटिंग हुई। वोटिंग में इमरान या उनका कोई समर्थक सांसद शामिल नहीं हुआ। 342 कुल सांसदों वाले सदन में वोटिंग के दौरान 174 सदस्य मौजूद थे। सभी ने इमरान के खिलाफ वोट दिया। विपक्ष के नेता शहबाज शरीफ ने बड़े भाई नवाज को याद किया और इसे पाकिस्तान के लिए नई सुबह बताया। बिलावल भुट्टो ने मुल्क से कहा- आप सभी को पुराना पाकिस्तान मुबारक हो। ये इमरान के नए पाकिस्तन के वादे पर करारा तंज था। अब शहबाज शरीफ की अगुआई में नई सरकार बनेगी। इस्लामाबाद में सेना तैनात कर दी गई है। देश का कोई भी नेता या अफसर बिना NOC के मुल्क नहीं छोड़ सकेगा। एयरपोर्ट्स को अलर्ट पर रखा गया है।
फर्ज नहीं, दोस्ती बड़ी
सुप्रीम कोर्ट ने ऑर्डर दिया था कि अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग हर कीमत पर शनिवार रात 10 बजे तक होनी चाहिए। इमरान ने स्पीकर असद कैसर और डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी को घर बुला लिया। 1 घंटे बाद ये संसद लौटे। विपक्षी नेताओं से मिले। कैसर ने उनसे कहा- मैं इमरान के खिलाफ वोटिंग नहीं करा सकता। हमारी 30 साल पुरानी दोस्ती है। मैं इमरान को इस तरह रुसवा होते नहीं देख सकता। चंद मिनट बाद इस्तीफा दिया और संसद छोड़ दी।
फौज भी एक्टिव
पूरी कार्यवाही के दौरान इमरान अपनी आलीशान ऐशगाह बनीगाला में ही बने रहे। रात 10 बजे के करीब आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा और ISI चीफ जनरल नदीम अंजुम उनसे मिले। क्या बात हुई, ये पता नहीं चला। लेकिन, इस मुलाकात के सिर्फ 10 मिनट बाद इस्लामाबाद की सड़कों पर फौज की गाड़ियां रफ्तार पकड़ते नजर आईं। खबर तो ये भी गर्दिश कर रही थी कि इमरान जनरल बाजवा को बर्खास्त करके पेशावर के कोर कमांडर और पूर्व ISI चीफ जनरल फैज हमीद को नया आर्मी चीफ बनाने जा रहे हैं।
जेल जाएंगे स्पीकर और डिप्टी स्पीकर?
सुप्रीम कोर्ट ने स्पीकर और डिप्टी स्पीकर को यह ऑर्डर दिया था कि उन्हें अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग करानी है। दोनों ही इस्तीफा देकर भाग खड़े हुए। संविधान विशेषज्ञ डॉक्टर नसीम अख्तर ने कहा- कैसर और कासिम ने इस्तीफा भले ही दे दिया हो, लेकिन सुप्रीम कोर्ट इन्हें सजा जरूर देगा। उन पर कोर्ट की अवमानना का केस चलेगा। आर्टिकल 6 के तहत 6 महीने के लिए जेल जाना होगा। ये तभी टल सकता है जब राष्ट्रपति इन्हें माफ कर दें।
आगे क्या संभव
आज विपक्षी दलों के गठबंधन पाकिस्तान डेमोक्रेटिक फ्रंट की बैठक होगी। इसमें तीन मुख्य पार्टियां हैं। नवाज शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग , आसिफ अली जरदारी की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी और मौलान फजल-उर-रहमान की जमीयते उलेमा इस्लाम । शहबाज शरीफ का प्रधानमंत्री बनना तय है। बिलावल भुट्टो डिप्टी पीएम बन सकते हैं। मौलाना को खैबर पख्तूनख्वा का सीएम बनाया जा सकता है। नई सरकार जल्द से जल्द चुनाव कराना चाहेगी। शायद तीन महीने के भीतर। अब ये देखना दिलचस्प होगा कि विपक्षी गठबंधन एक साथ चुनाव लड़ेगा या फिर बिखर जाएगा। क्योंकि, हर किसी के अपने हित हैं।
इमरान का क्या होगा
ये बड़ा सवाल है। तमाम नेताओं और अफसरों के बिना नॉन ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट हासिल किए देश छोड़ने पर रोक लगा दी गई है। इमरान अब चाहकर भी मुल्क नहीं छोड़ सकते। हालांकि, उनके कई मंत्री और अफसर पहले ही मुल्क छोड़ चुके हैं। मरियम नवाज ने साफ कर दिया है कि इमरान से हर चीज का हिसाब लिया जाएगा। जरदारी का रुख तो मरियम से भी ज्यादा सख्त है। विपक्ष के नेता ख्वाजा आसिफ ने कहा- इमरान को जेल में रहने की आदत नहीं। मुझे तो उनकी अभी से फिक्र हो रही है।