गाजा :इस्राइली लड़ाकू विमानों द्वारा गाजा में हमास के खिलाफ लगातार भीषण हवाई हमले हो रहे हैं। पिछले सोमवार को शुरू हुई ताजा हिंसा के बाद से गाजा पट्टी में 58 बच्चों व 34 महिलाओं समेत करीब 197 लोग मारे जा चुके हैं। इस्राइल में भी दो बच्चों समेत 10 की मौत की सूचना है। सोमवार तड़के करीब 10 मिनट तक हुए धमाकों से गाजा शहर का उत्तर से दक्षिण का इलाका थर्रा उठा।
एक बड़े इलाके पर हुई बमबारी पिछले 24 घंटों में सबसे भीषण रही। इस हवाई हमले में दक्षिणी गाजा सिटी के बड़े हिस्सों को बिजली पहुंचाने वाले एकमात्र संयंत्र से बिजली की एक लाइन भी क्षतिग्रस्त हो गई। इस्राइल ने हमास आतंकियों पर यह कार्रवाई उसके कई कमांडरों के घरों को निशाना बनाकर करने का दावा किया है। इन सबके बीच आपको बताते हैं कि सालों से नहीं रहने लायक गाजा आखिर इस्राइल से कैसंयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने साल 2012 में एक रिपोर्ट जारी कर कहा था कि ‘2020 तक गाजा रहने लायक नहीं होगा।’ अभी 2021 चल रहा है और गाजा सबसे ज्यादा जनसंख्या घनत्व वाले इलाकों में से एक है। गाजा साल 2007 से इस्राइल और मिस्र की नाकाबंदी झेल रहा है। उसकी अर्थव्यवस्था नाम की है, बेरोजगारी हद से ज्यादा है, बिजली-पानी की कोई स्थायी व्यवस्था नहीं है, फिर भी इस इलाके में 20 लाख से ज्यादा लोग रहते हैं। ये कैसे मुमकिन हो रहा है?
गाजा पर हमास का शासन है। हमास ने 2006 में फिलिस्तीनी चुनाव जीते थे, जिसके बाद संगठन ने 2007 में फतह पार्टी की अध्यक्षता वाली फिलिस्तीनी अथॉरिटी की सेना को गाजा पट्टी से बाहर कर दिया था। इसके बाद से ही इस्राइल और मिस्र ने गाजा की नाकेबंदी कर दी। दोनों देशों ने गाजा पट्टी से सामान और लोगों के आने-जाने पर प्रतिबंध लगा रखा है।
हमास क्या है?
मौजूदा समय में इस्राइल और गाजा के बीच युद्ध जैसे हालात बने हुए हैं। इस दौरान एक बार फिर हमास का नाम उभर कर सामने आया है। हमास का इतिहास और इस्राइल के मौजूदा प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का राजनीतिक करियर आपस में संबंधित है।
सालों से रहने लायक नहीं है गाजा
गाजा को गाजा पट्टी इसलिए ही कहते हैं क्योंकि वह जमीन का एक छोटा टुकड़ा भर है। कुल मिलाकर गाजा पट्टी 40 किलोमीटर लंबी और लगभग 8-10 किलोमीटर चौड़ी है, लेकिन यह इलाका तेल अवीव या लंदन, शंघाई जैसे शहरों से भी ज्यादा जनसंख्या घनत्व वाला है।
इस छोटे से इलाके की जनसंख्या 20 लाख से ज्यादा है। जनसंख्या घनत्व ज्यादा होने की वजह से इस्राइल की टार्गेटेड एयर स्ट्राइक से भी नागरिकों को नुकसान पहुंचाने का खतरा इतना ज्यादा रहता है।
यूनाइटेड नेशंस रिलीफ एंड वर्क एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए) के मुताबिक, गाजा में रहने की परिस्थितियां बेहद खराब हैं। 95 फीसदी आबादी के पास पीने का साफ पानी नहीं है। गाजा में पावर कट आम बात है क्योंकि डिमांड ज्यादा है और सप्लाई कम।
वर्ल्ड बैंक के आंकड़ों के मुताबिक, दुनिया के सबसे ज्यादा बेरोजगारी दर वाले इलाकों में गाजा भी शामिल है। संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि लगभग 80 फीसदी आबादी जिंदा रहने और बुनियादी सुविधाओं के लिए अंतरराष्ट्रीय मदद पर निर्भर है