
वॉशिंगटन : अमेरिका के कैलिफोर्निया में नस्लीय भेदभाव और मारपीट का मामला सामने आया है। कैलिफोर्निया स्थित गुरुद्वारे के धर्मगुरु को हमलावरों ने अपने वतन वापस लौटने के लिए कहा है। भारतीय मूल के धर्मगुरु अमरजीत सिंह ने अपने ऊपर हुए हमले के विषय में बताया कि गुरुवार रात को कुछ हमलावर उनके घर की खिड़कियां तोड़कर घर में घुस आए और मारपीट की। अमरजीत सैन फ्रांसिस्को से पूर्व करीब 100 मील दूर स्थित सिख गुरुद्वारा मोडेस्टो सेरेस में धर्मगुरु हैं।
धार्मिक कट्टरता से प्रेरित होकर किया गया हमला
गुरुद्वारा के सदस्य और मोडेस्टो सिटी के काउंसिलमैन मनी ग्रेवाल ने प्रशासन से इस घटना की निंदा की और बताया कि यह हमला कुछ नफरत फैलाने वाले लोगों ने धार्मिक कट्टरता से प्रेरित होकर किया था। साथ ही कहा कि आजकल इस तरह की घटना लगातार हो रही है। अभी कुछ दिन पहले अमेरिका में न्यूयॉर्क के फ्लोरल पार्क में 52 वर्षीय एक व्यक्ति ने हिन्दू पुजारी स्वामी हरिश चंद्र पुरी पर हमला किया गया था। जिसके बाद पुजारी को अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसके बाद अमेरिका में भारत के शीर्ष राजनयिकों ने पुजारी पर हुए हमले के मामले में त्वरित कार्रवाई के लिए अधिकारियों के प्रति आभार प्रकट किया है। पुजारी पर उस वक्त हमला बोला गया जब वह फ्लोरल पार्क में अपने धार्मिक परिधान में मंदिर के निकट टहल रहे थे। वे न्यूयॉर्क के क्वीन्स के ग्लेन ओक्स में शिव शक्ति पीठ के पुजारी है। पिटाई करते वक्त वह आदमी जोर से चिल्ला कर कह रहा था कि ‘यह हमारा इलाका है’।
कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी
पुलिस इस मामलें में कुछ भी कहने से बचती हुई नजर आ रही है। इस दौरान पुलिस ने इसे नफरत भरी घटना मानने से इनकार कर दिया और कहा कि इस विषय पर कुछ भी कहना थोड़ी जल्दबाजी होगी। पुलिस मामले की जांच कर रही है,जिसके बाद ही किसी आधार पर पहुंचा जा सकता है।
यह हिंसा एक अपराध की श्रेणी में
वहीं एक अमेरिकी सांसद जॉश हार्डर ने कहा कि मैं सिख समुदाय के मित्रों के साथ हूं। उन्होंने प्रत्येक अमेरिकी नागरिक को भेदभाव रहित, धार्मिक स्वतंत्रता वाला व्यवहार करने का आह्वान किया। हम सभी को मिलकर उन लोगों की तलाश करनी चाहिए। सेंट्रल वैली में अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ की गई हिंसा अपराध की श्रेणी में आता है। इस प्रकार की घटना से यहां का माहौल दूषित होता है। यह हमला सिर्फ एक अल्पसंख्यक समुदाय पर नहीं बल्कि सभी अल्पसंख्यकों सिख, लैटिन, मुस्लिम, एलजीबीटीक्यू और अन्य के खिलाफ भी हमला है।