पेरिस : पैगंबर कार्टून विवाद में फ्रांस में शिक्षक की गला काटकर हत्या के बाद अब इसी तरह एक और हत्या का मामला सामने आया है। फ्रांस के एक चर्च में एक हमलावर ने एक महिला का गला काट दिया और दो अन्य लोगों की चाकू मारकर निर्मम तरीके से हत्या कर दी। यह घटना फ्रांस के नीस शहर में हुई है। शहर के मेयर ने इस खौफनाक घटना को आतंकवाद करार दिया है। मेयर क्रिस्चियन इस्तोर्सी ने कहा कि चाकू से यह हमला शहर के नोट्रे डेम चर्च में हुई है। पुलिस ने हमलावर को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं, पुलिस ने बताया कि तीन लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो गई है। कई अन्य घायल हो गए हैं। फ्रांस के आतंकवाद निरोधक विभाग ने कहा कि उसे इस हमले के जांच की जिम्मेदारी दी गई है। हालांकि अभी तत्काल स्पष्ट नहीं हो पाया है कि चर्च में चाकू हमला करके लोगों की हत्या करने के पीछे मकसद क्या था या इसका पैगंबर के कार्टून से कोई मतलब है। यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब फ्रांस अभी भी चेचन मूल के एक व्यक्ति द्वारा फ्रांसीसी मध्य कॉलेज के टीचर सैमुअल पैटी के इस महीने की शुरुआत में हत्या कर दी गई थी। पैटी की हत्या के मामले में अभी तक 16 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के रडार पर वे लोग भी हैं, जिन्होंने पैटी के खिलाफ सोशल मीडिया पर अभियान चलाया था। इन लोगों ने पैटी द्वारा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की पढ़ाई कराते समय पैगंबर मुहम्मद का कार्टून दिखाए जाने को गलत माना था।
फ्रांस ने इस्लामिक चैरिटी बंद की
फ्रांस में शिक्षक की हत्या के बाद सरकार ने इस्लामिक संस्थाओं पर शिकंजा कसना काफी तेज कर दिया है। इस क्रम में बाराकासिटी नाम के एक इस्लामिक चैरिटी ऑर्गनाइजेशन को बंद कर दिया गया। यह संस्था 26 देशों में करीब 20 लाख लोगों के लिए काम करती थी। फ्रांस के गृहमंत्री गेराल्ड डारमेनियन ने बाराकासिटी पर गंभीर आरोप लगाए। कहा- हमारी सरकार ने सही फैसला किया है। बाराकासिटी फ्रांस में नफरत, इस्लामिक कट्टरपंथ फैला रही थी। वो आतंकियों की हरकतों की तारीफ करती थी। ऐसी किसी संस्था को इस देश में रहने का हक नहीं है। हालांकि, संस्था ने गेराल्ड के आरोप खारिज कर दिए। बता दें कि फ्रांस सरकार और राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने कुछ दिन पहले कहा था कि इस्लामिक कट्टरपंथ पर सख्ती से प्रहार किया जाएगा।
ईरान के राष्ट्रपति ने फ्रांस को दी चेतावनी
इस बीच ईरान के राष्ट्रपति हसन रुहानी ने फ्रांस को चेतावनी दी है कि पैगंबर की आलोचना करने से ‘हिंसा और रक्तपात’ को बढ़ावा मिलेगा। रुहानी ने कहा कि पश्चिमी देशों को यह समझना होगा कि…पैगंबर की आलोचना करना सभी मुस्लिमों, सभी पैगंबरों और सभी मानवीय मूल्यों की आलोचना करना है। पैगंबर की आलोचना करने से कुछ भी हासिल नहीं होगा। यह अनैतिक है। यह हिंसा को बढ़ावा दे रहा है।’ दूसरी तरफ, फ्रांस में इस्लाम के अपमान के विरोध में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का बयान भी आया। उन्होंने कहा- फ्रांस में इस्लामाम के खिलाफ जो कुछ हो रहा है, उसके विरोध में सभी मुस्लिम देशों को एक हो जाना चाहिए।26 देशों में 20 लाख लोगों के लिए काम करने वाली