
इस्लामाबाद : पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को राष्ट्रद्रोह के मामले में मौत की सजा सुनाई गई है। लाहौर हाईकोर्ट की पांच जजों की विशेष बेंच ने उन्हें यह सजा सुनाई है। बेंच ने अपने संक्षिप्त आदेश में कहा कि उसने इस मामले में 3 महीने तक तमाम शिकायतों, अभिलेख, पुछ-ताछ, तथ्यों की जांच के बाद पाकिस्तान के संविधान के अनुच्छेद 6 के अनुसार मुशर्रफ को देशद्रोह का दोषी पाया है।
मुशर्रफ पर देशद्रोह साबित
बता दें कि मुशर्रफ पर 3 नवंबर 2007 को आपातकाल लगाने के लिए देशद्रोह का मामला चल रहा है, जिसे पाकिस्तान की पूर्व मुस्लिम लीग नवाज सरकार ने दर्ज कराया था। यह मामला वर्ष 2013 से लंबित चल रहा था। मुशर्रफ के खिलाफ दिसंबर 2013 में देशद्रोह का मामला दर्ज हुआ था, जिसक बाद 31 मार्च 2014 को उन्हें आरोपी करार दिया गया। इससे पहले उसी साल सितंबर में अभियोजन ने सारे साक्ष्य विशेष अदालत के सामने रखे, लेकिन याचिकाओं के कारण मुशर्रफ के मुदकमे में देरी हुई और वह शीर्ष अदालतों और गृह मंत्रालय की मंजूरी के बाद मार्च वर्ष 2016 में पाकिस्तान से बाहर चले गए।
फैसला सुनाने पर लगी थी रोक
इससे पहले 3 जजों की बेंच ने बयान जारी करते हुए कहा था कि देशद्रोह मामले में 17 दिसंबर को फैसला सुनाया जाएगा। वहीं इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने मुशर्रफ और पाकिस्तान सरकार की ओर से दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए विशेष अदालत को 28 नवंबर को फैसला सुनाने से रोक दिया था।
अस्पताल से जारी किया था वीडियो
गत सप्ताह विशेष अदालत ने मुशर्रफ को देशद्रोह मामले में 5 दिसंबर को बयान रेकॉर्ड कराने के लिए कहा था, जिसक बाद दुबई में रह रहे मुशर्रफ ने समर्थकों के लिए संदेश जारी कर कहा था कि वह काफी बीमार हैं और देश आकर बयान नहीं दर्ज करा सकते हैं। पाकिस्तानी मीडिया द्वारा बताया गया था कि मुशर्रफ एक दुर्लभ किस्म की बीमारी अमिलॉइडोसिस से पीड़ित हैं।