लंदन : दुनिया के ज्यादातर देश कोरोना वैक्सीन की कमी का सामना कर रहे हैं, लेकिन वैक्सीन निर्माता कंपनियों ने अधिक उत्पादन के लिए अपना फॉर्मूला दूसरी कंपनियों को देने से फिर इनकार कर दिया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक कनाडा की कंपनी बायोलीज, इजराइल की टेवा, डेनमार्क की बेवेरियन नॉर्डिक और बांग्लादेश की कंपनी इनसेप्टा ने वैक्सीन निर्माता कंपनियों से सहायता मांगी थी। लेकिन ये कंपनियां इसके लिए तैयार नहीं हुईं।विश्लेषकों ने वैक्सीन निर्माता कंपनियों के इस रुख पर हैरत जताई है। उन्होंने ध्यान दिलाया है कि खुद ये कंपनियां कहती रही रही हैं कि उनकी उत्पादन क्षमता सीमित है, जिस कारण वे मांग के मुताबिक सप्लाई नहीं कर पा रही हैं। लेकिन जब दूसरी कंपनियों ने अधिक उत्पादन के लिए अपनी तैयारी दिखाई है, तो उन्होंने उनसे फॉर्मूला साझा करने से इनकार कर दिया है। उनके इसी रुख के कारण कोरोना वैक्सीन पर से बौद्धिक संपदा अधिकार संरक्षण (पेटेंट) हटाने की मांग उठी। पिछले दिनों अमेरिका के जो बाइडेन प्रशासन ने इस मांग का समर्थन किया था। उससे दवा उद्योग बहुत नाराज हुआ। तब यूरोपियन फेडरेशन ऑफ फार्मास्यूटिकल इंडस्ट्रीज एंव एसोसिएशन्स की महानिदेशक नथाली मॉल ने कहा था- ‘यूरोप का ध्यान पार्टनरशिप बनाने और उत्पादन सुविधाओं में निवेश करने पर केंद्रित रहना चाहिए, ताकि यूरोप के नागरिकों और पूरी दुनिया की जरूरतों को पूरा किया जा सके।’ इसका मतलब यह था कि फॉर्मूला साझा करना उनकी कंपनियों की प्राथमिकता में नहीं है। एक रिपोर्ट के मुताबिक जिन कंपनियों ने कोरोना वैक्सीन का उत्पादन करने की पेशकश की है, उनकी पहुंच पूरी दुनिया तक है। वे करोड़ों की संख्या में वैक्सीन डोज बनाने में सक्षम हैं। मसलन, टेवा दुनिया भर में जेनरिक दवाओं की सबसे बड़ी उत्पादक कंपनी है। उसके सीईओ कारे शुल्ज कह चुके हैं कि उनकी कंपनी उन वैक्सीन डोजों के उत्पादन के लिए तैयार है, जिनके इस्तेमाल को मंजूरी दी जा चुकी है।इसी तरह कनाडा की दवा निर्माता कंपनी बायोलीज ने कहा है कि वह हर साल पांच करोड़ वैक्सीन डोज बनाने में सक्षम है। बांग्लादेश की इनसेप्टा दूसरे रोगों की वैक्सीन का उत्पादन करती रही है। उसके महाप्रबंधक अब्दुल मुकादीर ने कहा है कि उनकी कंपनी बड़े पैमाने पर कोरोना वैक्सीन के डोज को बना सकती है।लेकिन जब इन कंपनियों ने वैक्सीन तैयार करने वाली कंपनियों से संपर्क किया, तो उन्होंने सहयोग करने से साफ मना कर दिया। उन्होंने कहा कि वे पहले से पर्याप्त संख्या में अपने पार्टनर बना चुकी हैं। जॉनसन एंड जॉनसन ने बायोलीज कंपनी से कहा कि उसने जिन कंपनियों के साथ पार्टरनशिप की है, उनके पास उत्पादन की पर्याप्त क्षमता है। बायोलीज कंपनी के अधिकारियों ने बताया है कि ऐसा ही जवाब उन्हें एस्ट्राजेनिका कंपनी से भी मिला। वैक्सीन का उत्पादन बढ़े, ये दुनिया की फौरी जरूरत है। ये जरूरत लगातार बढ़ रही है। इसलिए पाकिस्तान, बांग्लादेश, इंडोनेशिया, दक्षिण अफ्रीका और सेनेगल ने अगर कहा है कि उनके पास कोरोना वैक्सीन के उत्पादन की क्षमता है, तो वैक्सीन निर्माता कंपनियों को उस पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए। ऐसी पेशकश को तुरंत ठुकरा देने के बजाय उन्हें आगे बढ़ कर कहना चाहिए कि हम आपके साथ मिल कर काम करने को तैयार हैं।
फॉर्मूला साझा करने को लेकर वैक्सीन निर्माता कंपनियों की दो टूक: न बनाएंगे, न बनाने देंगे
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