लंदनः आप ऑफिस में काम करते हों और आपके सारे सहकर्मी किसी दिन पार्टी पर चले जाएं लेकिन आपको साथ न ले जाएं। बुरा तो लगेगा आखिर बात ही ऐसी है। एक महिला के साथ जब ऐसा हुआ तो उसने इसे लेकर केस कर दिया। अब कोर्ट ने महिला के हक में फैसला सुनाया है और उसे मुआवजे में 72 लाख रुपये देने का ऐलान किया है। लंदन के एक कसीनो में काम करने वाली पूर्व कैशियर को मुआवजे में 74000 पाउंड यानि लगभग 72 लाख रुपये मुआवजा दिया गया है क्योंकि उसके सहकर्मी शराब पीने चले गए थे और उसे बुलाया भी नहीं। रीटा लहर पूर्वी लंदन के एस्पर्स कसीनो में कैशियर के तौर पर काम करती थीं। रीता ने बताया कि एक दिन उनके सहकर्मी पार्टी करने के लिए चले और वह अकेली शख्स थी जिसे बुलाया नहीं गया था। इसने उन्हें अहसास हुआ कि उन्हें अलग कर दिया गया है। ब्लैक अफ्रीकन मूल की रीटा के मुताबिक उनके सहकर्मियों ने उनके सामने ही बाहर चलने को लेकर आपस में चर्चा की (बिना उन्हें बुलाए)। लहर ने गलत तरीके से बर्खास्तगी, नस्ल और उम्र के चलते भी भेदभाव का दावा किया। उन्होंने 2011 में कसीनो में काम करना शुरू किया था। तब से उन्होंने खुद से उम्र में छोटे कई सहयोगियों को प्रमोशन पाते देखा है जो काले या मिश्रित मूल के नहीं थे।
ऑफिस में भेदभाव की शिकायत
लहर ने बार-बार प्रमोशन के लिए आवेदन दिया लेकिन ‘गेमिंग इंडस्ट्री’ में 22 साल के पिछले अनुभव के बावजूद उन्हें बार-बार खारिज कर दिया जाता था। 2018 में तो उन्हें तनाव के चलते काम से हटा दिया गया। जब 2021 में उन्होंने काम पर वापसी की तो उन्हें महसूस हुआ कि उनके सहयोगियों द्वारा उनकी उपेक्षा की जा रही है। लहर को पार्टी में इसीलिए नहीं बुलाया गया क्योंकि उनके सहकर्मी किसी ऐसे व्यक्ति के साथ मेलजोल नहीं करना चाहते थे जिसने भेदभाव की शिकायत की थी। जांच पैनल ने कहा कि ऐसे में जब उसे नहीं बुलाया गया था तो उसके सामने इस बारे में चर्चा करना बहुत ही असंवेदनशील था।
लेबर जज ने दिया हक में फैसला
लेबर जज ने इस कदम को कर्मचारी के साथ भेदभाव माना। जज ने कहा “एक कर्मचारी इस बात पर विचार करेगा कि इस तरह का बहिष्कार उनके नुकसान की तरह था क्योंकि उन्होंने उस सामाजिक अवसर पर सहकर्मियों के साथ बंधने का अवसर खो दिया था। हम सर्वसम्मति से सहमत हैं कि ऐसा इसलिए था क्योंकि सुश्री लहर ने पीड़ित होने की शिकायत की थी।” जज ने लहर की भावनाओं को चोट पहुंचाने और ओवरटाइम के नुकसान के लिए मुआवजे में कुल 74,113.65 पाउंड देने का आदेश दिया।