
नई दिल्ली : नागरिकता संशोधन विधेयक, 2019 पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने ट्वीट के जरिए विरोध जताया है। लोकसभा में पास किए गए इस बिल का विरोध करते हुए इमरान ने इसे दोनों देशों के बीच समझौतों का उल्लंघन बताया है। अपने ट्वीट में उन्होंने मोदी सरकार और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को घेरते हुए कहा कि यह विधेयक दोनों देशों के बीच हुए समझौतों के खिलाफ है। इसके पहले देश से अनुच्छेद 370 हटाए जाने पर भी पाकिस्तान की संसद ने ऐतराज जताया था।
हिंदू राष्ट्र की योजना का हिस्सा है यह विधेयक
इमरान ने ट्वीट किया, ‘भारतीय लोकसभा में पास किए गए नागरिकता संशोधन विधेयक की मैं कठोर निंदा करता हूं। यह विधेयक अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून का उल्लंघन करता है, साथ ही पाकिस्तान के साथ किए गए द्वीपक्षीय समझौते के भी खिलाफ है। मोदी सरकार आरएसएस के हिंदू राष्ट्र की योजना पर काम कर रही है और यह बिल उसी योजना का हिस्सा है।’
अल्पसंख्यकों के लिए विधेयक चिंताजनक
मालूम हो कि नागरिकता संशोधन विधेयक, 2019 का विरोध करते हुए पाकिस्तान की ओर से एक बयान जारी किया गया था। इस बयान के तहत विधेयक को भारत-पाकिस्तान के बीच हुए सभी समझौतों के खिलाफ बताया गया। साथ ही पाकिस्तान ने विशेषतौर पर देश के अल्पसंख्यकों के अधिकारों और उनकी सुरक्षा के मुद्दे पर इस विधेयक को चिंताजनक कहा।
विधेयक शरणार्थियों के हित में
गौरतलब है कि सोमवार को लोकसभा में नागरिक संशोधन विधेयक को मंजूरी मिल गई है। इसके तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत में आ बसे हिंदू, बौद्ध, जैन, पारसी, सिख, ईसाई शरणार्थियों को आसानी से भारत की नागरिकता प्राप्त होगी। शाह के अनुसार पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान आदि देशों में मुस्लिम को अल्पसंख्यक की श्रेणी में नहीं गिना जाता क्योंकि वे इस्लामिक देश हैं। शाह का कहना है कि यह विधेयक लाखों करोड़ों शरणार्थियों को यातना से मुक्ति दिलाने में बड़ी भूमिका निभाएगा।