नई दिल्लीः अमेरिका के हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव की स्पीकर नैंसी पेलोसी का ताइवान दौरा पूरा होने के कुछ ही घंटों के भीतर चीन ने अपने 27 युद्धक विमान ताइवान के ‘एयर डिफेंस जोन’ में भेज दिए हैं। वहीं इसके बाद चीन ने एक और बड़ी कार्रवाई करते हुए अमेरिकी संसद की स्पीकर को ब्लैक लिस्टेड कर दिया है। इस कार्रवाई के तहत बीजिंग में काम कर रहे शी जिनपिंग प्रशासन ने नैंसी पेलोसी पर कई प्रतिबंध लगाए हैं।
अमेरिका पर बड़ा आरोप
अमेरिकी संसद की स्पीकर नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा से चीन और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ गया है। चीन की मीडिया के जरिये अमेरिका पर हमला किया जा रहा है। इस बीच चीन ने सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम् के जरिये कहा है कि ताइवान की आड़ में अमेरिका उसे दबाने की कोशिश कर रहा है। अखबार में लिखा गया कि अमेरिका के पास चीन को दबाने का दम नहीं है इसलिए ताइवान का सहारा ले रहा है। वहीं, दूसरी तरफ नैंसी पेलोसी ने कहा है कि वह लोकतंत्र और मानवाधिकारों की रक्षा के लिए काम करती रहेंगी।ताइवान से दक्षिण कोरिया पहुंचने के बाद नैंसी पेलोसी ने ट्वीट किया, जिसमें कहा, ‘ताइवान की जनता के साथ अमेरिका खड़ा रहेगा, हम लोकतंत्र और मानवाधिकार की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं।’
ताइवान पर और कड़े प्रतिबंध
नैंसी पेलोसी पर कार्रवाई करने से पहले चीन ने पेलोसी की ताइवान यात्रा के विरोध में ताइवान से कई वस्तुओं और फलों समेत अनेक खाद्य पदार्थों के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस फैसले से ताइवान की अर्थव्यवस्था पर कुछ असर पड़ सकता है। नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्र आखिर क्यों सुर्खियों में है और ऐसी क्या आशंकाएं पैदा हुई हैं, जिससे चीन और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ता दिख रहा है, जिसके वैश्विक आर्थिकी के दुष्प्रभावित होने की आशंका भी जताई जा रही है।