
नई दिल्ली : नागरिकता संशोधन विधेयक(कैब) के लोकसभा में पारित होने के बाद देश के कई हिस्सों में इसका विरोध जारी है। विधेयक के प्रावधानों के मुताबिक पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक उत्पीड़न से परेशान होकर भारत आए गैर मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता दी जाएगी। विधेयक के पारित होने के बाद न केवल भारत के विपक्षी नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया दी हैं बल्कि तीनों देशों ने भी अपने विचार पेश किए हैं। इतना ही नहीं मुस्लिम देशों में भी इस विधेयक को लेकर मीडिया में चर्चा जारी है।
अफगानिस्तान नहीं करती अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव
विधेयक के खिलाफ अफगानिस्तान ने विरोध करते हुए कहा है कि हमारे देश को पाकिस्तान के साथ नहीं रखा जा सकता। उनका देश ऐसे देशों में नहीं आता जहां सरकार अल्पसंख्यकों के साथ पक्षपात करती हो। अफगानिस्तान के राजदूत ताहिर कादिरी ने कहा कि कुछ सालों से हमारी सरकार अल्पसंख्यक सिख समुदाय के लोगों का पूरा सम्मान कर रही हैं। हमारे संसद में भी अल्पसंख्यकों के लिए सीटें आरक्षित हैं और उनके प्रतिनिधि राष्ट्रपति महल में भी हैं।
अफगान सिखों के लिए आईडी कार्ड जारी
ताहिर ने कहा कि अफगान दूतावास ने भारत में बसे अफगान सिखों के लिए आईडी कार्ड जारी करने का काम शुरु कर दिया है। उन्होंने कहा कि जहां तक अल्पसंख्यकों की बात करें तो यह सबकाे पता है कि काफी लंबे समय से गृहयुद्ध में जूझता रहा है। सभी जानते हैं कि युद्ध् में क्या हालात होती है और अफगानिस्तान के सभी नागरिक युद्ध् से पीड़ित रहें हैं। इसमें नागरिकाें की धार्मिक पहचान का कोई रोल नहीं है। इससे यह साफ तौर पर पता चलता है कि हमारी सरकार सिख समुदाय के साथ-साथ सारे अल्पसंख्यकों की इज्जत करती है। हमने यहां बहुत परेशानी झेली हैं और हमारी सरकार बिना किसी पक्षपात और धार्मिक भेदभाव किए बिना सभी नागरिकों का सम्मान करने की कोशिश कर रही हैं।