बेरूत : सीरिया में कुर्दों के खिलाफ तुर्की के हमले में रविवार को करीब 26 नागरिकों की मौत हो गई। एक युद्ध निगरानी संस्था ने इसकी जानकारी दी है। साथ ही सीरियाई मानवाधिकार पर्यवेक्षक ने बताया है कि मरने वालों में से 10 लोग हवाई हमले में मारे गए हैं। इस दौरान अमेरिका की विपक्षी डेमोक्रेट पार्टी ने ट्रम्प से अपील की है कि वे सीरिया में सेना वापस नहीं बुलाएं। इस पर संसद में एक प्रस्ताव भी रखा जाएगा। बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पहले भी कहा था कि वे कुर्दों पर तुर्की हमले रोकने के लिए उस पर कड़े प्रतिबंध लगाएंगे।
आम नागरिकों के काफिले पर हुआ हमला
सूत्रों के अनुसार तुर्की ने रविवार को आम नागरिकों के काफिले पर हमला कर दिया। इस हमले से बाल-बाल बचीं ‘फ्रांस 2’ टेलीविजन की एक महिला पत्रकार स्टेफनी पेरेज ने ट्वीट किया कि जिस काफिले को निशाना बनाया गया, उसमें वह भी जा रही थी। उन्होंने बताया कि ‘हमारी टीम सुरक्षित है, लेकिन कुछ साथी मारे गए हैं।’ वहीं ब्रिटेन स्थित वेधशाला ने कहा है कि इस हमले में एक पत्रकार की मौत हो गयी है, लेकिन उसकी राष्ट्रीयता का पता नहीं चल सका है।
हजारों लोगों ने छोड़ा अपना घर
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार सीरिया में इस हिंसा के कारण 1 लाख 30 हजार लोगों को अपना घर छोड़कर पलायन करना पड़ा है। मालूम हो कि तुर्की ने कुर्दों के खिलाफ सीरिया में बुधवार को हमले करना शुरू किया था जो अब तक जारी है। इस हमले में अब तक 104 कुर्द सैनिक और 60 आम नागरिकों के मारे जाने की खबर मिली है।
12 हजार आईएस आतंकी कुर्दों की कैद में
अमेरिका में एक साक्षात्कार के दौरान सीनेट (अमेरिकी उच्च सदन) के नेता चार्ल्स शुमर ने कहा कि वे शीघ्र ट्रम्प से आग्रह करेंगे कि वे सीरिया से अपने सैनिकों को वापस बुलाने का फैसला बदल दें। जिससे कि कुर्दों को बचाया जा सके। साथ ही आईएस के सैनिकों को भागने से रोका जा सके। बताया जा रहा है कि कुर्दों की कैद में करीब 12 हजार इस्लामिक स्टेट आतंकवादी है।