नयी दिल्ली: अमेरिका की ई-वाणिज्य कंपनी अमेजन की एक याचिका पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने किशोर बियानी की अगुवाई वाली फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (एफआरएल) से प्रतिक्रिया मांगी है। अमेजन ने इस याचिका में एकल न्यायाधीश के पीठ के अंतरिम आदेश में अपने खिलाफ निष्कर्षों को खारिज करने की अपील की है। पीठ ने कहा था कि फ्यूचर रिटेल का नियंत्रण हासिल करने की अमेजन की कोशिश विदेशी मुद्रा विनिमय प्रबंधन अधिनियम (फेमा) और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नियमों का उल्लंघन है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डीएन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह के पीठ ने 21 दिसंबर 2020 के अंतरिम आदेश में एकल न्यायाधीश द्वारा की गयी कुछ टिप्पणियों के खिलाफ अमेजन की याचिका पर अपना पक्ष रखने के लिये एफआरएल, रिलायंस रिटेल और बियानी को नोटिस जारी किया। अमेजन का कहना है कि ये निष्कर्ष सिंगापुर अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र (एसआईएसी) के समक्ष शुरू हुई मध्यस्थता की कार्यवाही पर असर डालते हैं। रिलायंस रिटेल के साथ 24,713 करोड़ रुपये के सौदे के तहत एफआरएल की परिसंपत्ति की बिक्री के खिलाफ 25 अक्टूबर 2020 के एसआईएसी आपातकालीन मध्यस्थता आदेश के साथ एकल पीठ की टिप्पणियां असंगत हैं।
हाईकोर्ट ने अमेजन की याचिका पर मांगा फ्यूचर रिटेल का पक्ष
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